
रीवा. कोरोना काल की दूसरी लहर में करोड़ों की प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की प्रगति धीमी पड़ गई। पंचायतों में 315 करोड़ रुपए के आवास स्वीकृत किए गए हैं। जिसमें अभी तक 1600 से ज्यादा हितग्राहियों के खाते में पहली किस्त तक जारी नहीं की जा सकी है। जिससे आवास का निर्माण चालू नहीं हो सका है। जिसमें पांच ब्लाकों के अधिकारी व कर्मचारी फिसड्डी हैं।
चालू वित्तीय वर्ष में 355 करोड़ की योजना
केन्द्र व राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष में 26,299 गरीबों के आवास निर्माण के लिए स्वीकृत किए गए हैं। प्रति आवास 1.35 लाख रुपए (1.20 लाख रुपए आवास, 15 हजार रुपए मजदूरी ) के औसत से 355 करोड़ रुपए से अधिक की योजना है।
रीवा में 24612 आवास स्वीकृत
समीक्षा के दौरान जिला पंचायत अधिकारियों ने जानकारी दी है कि 24,612 हितग्राहियों को पहली किस्त जारी की जा चुकी है। जिसमें अभी 1687 हितग्राहियों के खाते में पहली किस्त तक जारी नहीं हो सकी है। जिससे ऐसे हितग्राहियों के आवास तीन माह बीतने को है। इसके बाद भी चालू नहीं हो सके।
चार ब्लाक फिसड्डी, 456 आवास पूर्ण का दावा
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में वैसे तो पूरे जिल की प्रगति ठीक नहीं है। लेकिन, चार ब्लाकों की स्थिति सबसे खराब है। जिसमें मउगंज, नईगढ़ी, रायपुर कर्चुलियान सबसे फिसड्डी हैं। शेष ब्लाकों की भी प्रगति बहुत अच्छी नहीं है। जिले की प्रगति 1.7 प्रतिशत है। अधिकारियों का दावा है कि 456 आवास हो गए हैं।
Published on:
23 Jun 2021 09:21 am
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