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कलेक्ट्रेट में खाद्य नियंत्रक को पता नहीं, कार्यालय में पांच माह से ग्रुप एडमिन बन जारी कर रहा आदेश

सरकारी दफ्तार में भंग हो रही लोगों की गोपनीयता, किरोसिन डीलर व विक्रेताओं को वाट्एसग्रुप में आदेश-निर्देश जारी कर रहा पांच माह पहले हटाया गया डाटा इंट्री आपरेटर, तमाशबीन जिम्मेदार

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रीवा

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Rajesh Patel

Jul 05, 2021

Data entry operator removed five months ago issuing orders and instructions to kerosene dealers and sellers in Watsgroup

Data entry operator removed five months ago issuing orders and instructions to kerosene dealers and sellers in Watsgroup

patrika IMAGE CREDIT: patrika

रीवा. कलेक्ट्रेट भवन में संचालित विभिन्न विभागों के कार्यालय में अनाधिकृत कर्मचारियों की मनमानी से लोग आजिज आ गए हैं। अकेले खाद्य नियंत्रक कार्यालय में जिस आउस सोर्स कर्मचारी को शासन के आदेश पर हटा दिया गया है। वह पांच माह से नियमित कार्यालय में कार्य देख रहा है। इतना ही नहीं कार्यालय में योजनाओं की मॉनीटरिंग के लिए बनाए गए वाट्एप ग्रुप में किरोसिन डीलर, विक्रेताओं को आदेश-निर्देश भी जारी कर रहा है। कार्यालय के जिम्मेदार तमाशबीन हैं।

पोर्टल के गोपनीय पासवर्ड तक का उपयोग कर रहा

जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक एमएनएच खान ने शासन के आदेश पर कार्यालय में पदस्थ रहे आउटसोर्स के डाटा इंट्री आपरेटर शिवपूजन ङ्क्षसह को छह फरवरी 2021 को कार्यमुक्त कर दिया गया। इसके बावजूद कार्याल में अधिकारी, कर्मचारियों का वेतन बनाने से लेकर पोर्टल के गोपनीय पासवर्ड तक का उपयोग कर रहा है। इसको लेकर कार्यालय के कर्मचारियों में असंतोष है।

सरकारी दस्तावेज की गोपनीयता भंग हो रही

डाटा इंट्री आपरेटर कार्यालय की सभी गतिविधियों में अनाधिकृत तरीके से संलिप्त है। ऐसे में सरकारी दस्तावेज की गोपनीयता भंग हो रही है। हैरानी की बात तो यह कि जिला खाद्य नियंत्रक बता रहे है कि कर्मचारी काम कर रहा है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। लेकिन, कार्यालय के वाट्एप ग्रुप में नियंत्रक स्वयं जुड़े हुए हैं। अनाधिकृत व्यक्ति को विक्रेता व किरोसिन डीलरो के ग्रुप में एडमिन बना हुआ है। अधिकारियों के मौखिक आदेश पर अनाधिकृत व्यक्ति सरकारी दफ्तार में पांच माह से नियमित कार्य कर रहा है।

अजाक कार्यालय से भी नहीं ले रहे सबक
कलेक्ट्रेट भवन में आदिम जाति कल्याण विभाग कार्यालय में भी एक अनाधिकृत डाटा इंट्री आपरेटर पांच माह पहले करीब दो करोड़ रुपए की स्कालरशिप में फर्जीवाड़ा किया था। जिसमें कंप्यूटर आपरेटर ने बाबू रामनरेश पटेल व स्वयं के सगे संबंधितयों के खाते में स्कॉलरशिप आहरित कर लिया था। जिसमें कंप्यूटर आपरेटर ने स्वयं 30 लाख रुपए से अधिक की राशि हजम कर ली है। कलेक्ट्रेट भवन से लेकर तहसील परिसर में ऐसे कई कथित कर्मचारी काम कर रहे हैं। जो पैसे वसूली में मशगूल हैं।

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