26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जिला निर्वाचन कार्यालय में अनाड़ी हाथों में डाटा एंट्री का काम

नियम-कायदे दरकिनार कर सुपरवाइजर के बेटे-बहू और रिश्तेदारों को भी रख लिया गया, कलेक्टर के हस्तक्षेप के बावजूद ठेकेदार की मनमानी जारी

2 min read
Google source verification

रीवा

image

Rajesh Patel

Aug 23, 2018

Data entry work in clumsy hands in district election office

Data entry work in clumsy hands in district election office

रीवा. चुनाव कार्यालय में ठेकेदार ने डाटा एंट्री का काम अनाड़ी हाथों में दे दिया है। चुनाव आयोग की गाइड लाइन को दरकिनार करते हुए कार्यालय के सुपरवाइजर के बेटे-बहू के साथ ही उनके रिश्तेदारों को रख लिया गया है। कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद भी ठेकेदार की मनमानी जारी है।

कंप्यूटर ऑपरेटरों को रखने के लिए चयन कमेटी गठित कर की जाएगी
चुनाव आयोग के निर्देश पर जिला मुख्यालय से लेकर तहसील स्तर पर मतदाता सूची में नाम जोडऩे, संशोधन सहित स्थानांतरण और नाम काटने की प्रक्रिया के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर रखे गए हैं। विशेष अभियान चलाने के लिए तहसीलों पर कंप्यूटर ऑपरेटरों को तत्कालीन चुनाव अधिकारियों की सांठगांठ से नियम-कायदे की अनदेखी कर रख लिया गया है। बताया गया कि कंप्यूटर ऑपरेटरों को रखने के लिए चयन कमेटी गठित कर की जाएगी लेकिन ठेकेदार ने मनमानी ऑपरेटरों को जिम्मेदारी सौंप दी है। इसमें से कई को टाइप तक करना नहीं आता।

अधिकारी और ठेकेदार नजरअंदाज कर दिए

मामले में कलेक्टर प्रीति मैथिल ने हस्तक्षेप भी किया था, लेकिन चुनाव कार्यालय के अधिकारी और ठेकेदार नजरअंदाज कर दिए। कार्यालय के रिकार्ड के अनुसार, फरवरी 2017 में सुपरवाइजर बिजेंद्र गौतम के बेटे विनय गौतम और बहू कीर्ति और रिश्तेदार की बेटी अनुपता चतुर्वेदी, अनूप मिश्र को पियून के पद रखा गया है। सभी मिलाकर ३५ कंप्यूटर ऑपरेटर रखे गए हैं। चुनाव कार्यालय में सुपरवाइजर और ठेकेदार की साठ-गांठ इस कदर है कि कई अन्य मामले भी मनमानी जारी है।

ठेकेदार ने पूरी नहीं की रिन्युअल प्रक्रिया
बताया गया कि कंप्यूटर ऑपरेटरों को रखने के लिए चयन कमेटी गठित कर की जाएगी लेकिन ठेकेदार ने मनमानी ऑपरेटरों को जिम्मेदारी सौंप दी है। इसमें से कई को टाइप तक करना नहीं आता। फरवरी 2017 में कंप्यूटर ऑपरेटरों को रखने का ठेका दिया गया था, फरवरी 2018 बीतने के बाद भी रिन्युअल प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है। कार्यालय सूत्रों के अनुसार, गाइड लाइन को दरकिनार कर ठेकेदार को भुगतान किया जा रहा है। चुनाव आयोग की गाइड लाइन पर हर साल ठेके पर कंप्यूटर ऑपरेटर रखे जाएंगे।