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शासन के नए नियम के तहत बंद होने की स्थिति में है यह ऐतिहासिक विद्यालय, लोगों में है भारी रोष, कहीं खड़ी न हो जाए बड़ी आफत

उठी विद्यालय के स्थानांतरण की मांग...

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रीवा

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Ajit Shukla

Aug 14, 2018

Demand for transfer to Rewa govt school, teachers angry with department

Demand for transfer to Rewa govt school, teachers angry with department

रीवा। शहर के बिछिया मोहल्ले में स्थित शासकीय माध्यमिक शाला (चोपड़ा स्कूल) का परिसर पूरे दो एकड़ का है। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक दो का उस विद्यालय में स्थानांतरण कर दिया जाए तो एक ओर जहां चोपड़ा स्कूल के दिन लौट आएंगे। वहीं दूसरी ओर शहर का एक प्राचीनतम हायर सेकंडरी विद्यालय टूटने से रह जाएगा।

शिक्षकों की मांग का मोहल्लावासियों ने किया विरोध
शासकीय विद्यालय क्रमांक दो के स्टॉफ की दलील कुछ ऐसी ही है। इस दलील के साथ प्राचार्य और शिक्षकों ने उद्योग मंत्री राजेंद्र शुक्ला से अपील किया है कि चोपड़ा स्कूल में विद्यालय क्रमांक दो का स्थानांतरण कराएं। विद्यालय स्टॉफ के साथ बिछिया मोहल्ला के साथ लोगों ने भी मांगों का समर्थन किया है। मोहल्लावासियों का तर्क है कि सुविधाओं के अभाव में चोपड़ा स्कूल का बुरा हाल है। शाउमावि क्रमांक दो का स्थानांतरण चोपड़ा स्कूल में कर दिया जाए तो छात्रसंख्या के साथ स्टॉफ में भी बढ़ोत्तरी हो जाएगी।

Ajit Shukla IMAGE CREDIT: Patrika

बिछिया के आसपास नहीं है कोई विद्यालय
शिक्षकों का तर्क है कि बिछिया व उसके आसपास के मोहल्ले में कोई भी हाइस्कूल व हायर सेकंडरी विद्यालय नहीं है। चोपड़ा स्कूल परिसर में शाउमावि क्रमांक दो को स्थानांतरित कर शाउमावि बिछिया में परिवर्तित कर दिया जाए तो वहां बिछिया, उपरहटी, तरहटी, पाण्डेय टोला, रानीतालाब, कुठुलिया व महाजनटोला सहित आसपास के बच्चों को पढ़ाई के लिए नजदीक में विद्यालय मिल जाएगा। उन्हें दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। गौरतलब है कि चोपड़ा स्कूल में 30 छात्र व चार शिक्षक हैं। जबकि क्रमांक दो की 500 छात्रसंख्या के बीच पर्याप्त शैक्षणिक स्टॉफ है।

परिसर है पर्याप्त, केवल बजट की जरूरत
चोपड़ा स्कूल का परिसर दो एकड़ के करीब है। शाउमावि क्रमांक दो के स्थानांतरण के बावत स्थान पर्याप्त है। स्कूल भवन की मरम्मत के लिए ५० लाख रुपए का बजट पहले ही स्वीकृत है। भवन के लिए कुछ और बजट स्वीकृत कराकर स्थानांतरण की प्रक्रिया आसानी से पूरी कराई जा सकती है। इससे एक विद्यालय टूटने से बचेगा और दूसरे का उन्नयन हो जाएगा। वैसे भी विद्यालय क्रमांक दो के भवन की स्थिति काफी जर्जर हो चुकी है। विद्यालय को नए भवन की जरूरत है। जिसके लिए पूर्व में ही शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। जरूरत है तो केवल बजट स्वीकृति की।