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रीवा

मध्य प्रदेश के इस मेडिकल कॉलेज परिसर में पैदा होगी बिजली, हर महीने बचेंगे 35 लाख रुपए, जानिए कैसे

ऊर्जा विकास निगम को पीडब्यूडी यांत्रिकी शाखा ने सौंपी रिपोर्ट, सितंबर में शुरू हो सकता है कार्य

रीवाAug 05, 2018 / 02:39 pm

Dilip Patel

Electricity will be born in this medical college campus of M.P.

Electricity will be born in this medical college campus of M.P.

रीवा। नए वर्ष में मध्य प्रदेश के श्यामशाह मेडिकल कॉलेज को बिजली के बिलों का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। हर महीने पैंतीस लाख रुपए की बचत कर सकेगा।

यह संभव होने जा रहा है सौर्य ऊर्जा प्रोजेक्ट से। जिसकी कवायद तेज हो गई है। ऊर्जा विकास निगम की ओर से सोलर पैनल लगाने के लिए स्थान फाइनल कर दिए गए हैं। मेडिकल कॉलेज भवन, संजय गांधी अस्पताल, गांधी स्मारक चिकित्सालय, ओपीडी भवन, सुमित गल्र्स हॉस्टल, सृष्टि ब्वायज हॉस्टल, ऑडिटोरियम, बैंक भवन और पीजी ब्वायज हॉस्टल की भवन पर सोलर पैनल स्थापित किए जाएंगे। बीते दिनों ऊर्जा विकास निगम ने सोलर पैनल स्थापित करने के लिए एक डिजाइन जारी की थी। पीडब्ल्यूडी विद्युत यांत्रिकी शाखा से इसे चेक कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। इस डिजाइन में कई स्थान छूट गए थे। जिसे ठीक कर पीडब्ल्यूडी विद्युत यांत्रिकी शाखा ने रिपोर्ट भेज दी है। बताया जा रहा है कि रेस्को मॉडल पर यह प्रोजेक्ट निजी क्षेत्र की एजेंसी को सौंपा जाएगा।श्यामशाह मेडिकल कॉलेज का कहना है कि सितंबर माह से कार्य शुरू होने की उम्मीद है।

2.8 मेगावाट होगा विद्युत उत्पादन
इंजीनियरों के अनुसार सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट के तहत मेडिकल परिसर के सभी भवनों पर करीब तीन हजार सोलर पैनल लगाए जाएंगे। प्रोजेक्ट के तहत 2.8 मेगावाट विद्युत उत्पादन की क्षमता होगी। वर्तमान में मेडिकल परिसर में कुल 2.2 मेगावाट बिजली की खपत है। अर्थात सौर ऊर्जा से 0.6 मेगावाट अधिक विद्युत उत्पादन होगा।

व्यय रुकेगा, बढ़ेगी चिकित्सीय सुविधाएं
वर्तमान में श्यामशाह मेडिकल कॉलेज प्रबंधन हर महीने करीब 35 लाख रुपए विद्युत बिलों का भुगतान करता है। सोलर सिस्टम के जरिए न केवल विद्युत उत्पादन होगा बल्कि खपत से बचने वाली बिजली बेची जा सकेगी। जिससे हर महीने 35 लाख रुपए सीधे बचत होगी। श्यामशाह मेडिकल कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि विद्युत बिल भुगतान की बचने वाली धनराशि का उपयोग चिकित्सीय सुविधाओं पर किया जा सकेगा।

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