
Forest employee protest in rewa, Hydrocephalus against mp government
रीवा। अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चल रहे वन विभाग के कर्मचारियों मंगलवार को शहर में रैली निकाली। पर्यावरण दिवस पर निकाली गई रैली में कर्मचारियों ने नारे और स्लोगन लिखे बैनर एवं बोर्ड अपने साथ लिए थे। जिसमें कहा गया था कि पर्यावरण की रक्षा हम करते हैं लेकिन हमारी रक्षा कौन करेगा। मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है। इस दौरान मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी भी की।
जयंती कुंज परिसर में हड़ताल कर रहे वनकर्मी दोपहर 12 बजे रैली के साथ निकले। शहर के कई हिस्सों का भ्रमण करते हुए रैली कलेक्ट्रेट पहुंची। यहां पर मुख्यमंत्री के नाम प्रेषित 19 सूत्रीय मांगों को पूरा करने के लिए ज्ञापन सौंपा गया। कर्मचारियों ने बताया कि वह 24 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल रहे हैं। जिसके चलते वन संपदा को भी नुकसान हो रहा है। मांगे पूरी नहीं की गई तो आगे भी इसी तरह नुकसान बढ़ता जाएगा। वन कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष राहुलदेव मिश्रा ने कहा है कि विभाग के बड़े अधिकारी मांगों की अनदेखी कर रहे हैं और सरकार तक बातें नहीं पहुंचा रहे जिसकी वजह से हड़ताल उग्र होती जा रही है। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा। वहीं क्रमिक भूख हड़ताल में सातवें दिन श्यामलाल, रामयश, संतोष कुमार, मक्खू कोरी आदि बैठे रहे।
चार घंटे किया जलसत्याग्रह
मांगे पूरी नहीं होने पर हड़ताल वनकर्मियों ने बीहर नदी के बड़ी पुल के पास पहुंचकर पानी में घुसकर प्रदर्शन किया। करीब चार घंटे से अधिक समय तक पानी में ही कर्मचारी बैठे रहे, इनकी मांग है कि जब तक सरकार उनकी 19 सूत्रीय मांगों को पूरा नहीं कर देती तब तक वह इसी तरह अगल-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे।
वार्ता फिर हुई विफल
वन कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ विभाग के अधिकारियों की भोपाल में हुई वार्ता फिर विफल हो गई है। कर्मचारी मांगों पर अड़े हैं तो विभाग कुछ बिन्दुओं पर संशोधन की बात कर रहा है। इतना ही नहीं यह भी आश्वासन दिया जा रहा है कि पहले हड़ताल समाप्त की जाए और इसके बाद वार्ता आगे होगी। कर्मचारियों की मांगों को एक बार फिर वन मंत्री के सामने पेश किया जाएगा। जहां से अंतिम निर्णय लेंगे।
सिर मुंडवाने और कर्मकांड से भी कर चुके हैं विरोध
अपनी मांगों को लेकर 24 मई से अनिश्चतकालीन हड़ताल पर चल रहे वनकर्मियों ने सोमवार को सरकार के प्रति आक्रोश जाहिर करते हुए सिर मुंडन कराकर विरोध दर्ज कराया। विभाग के 21 कर्मचारियों ने धरना स्थल पर ही मुंडन कराया और कहा कि सरकार उनकी मांगों को नहीं सुन रही है। इस कारण उसे मृत समान वह मान रहे हैं, इसी वजह से सिर मुंडन कराने और कर्मकांड कर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
अनशन पर बैठे कर्मचारियों में केके पांडेय, उपेन्द्र सिंह, एजी पांडेय, जानेन्द्र सिंह, सुखलाल, रामानंद सिंह, रामप्रताप, रामलखन, चक्रधर पांडेय, हीरालाल, अनिल, देवेन्द्र द्विवेदी, देवराज, तीरथ प्रसाद, संतोष मिश्रा सहित अन्य ने अपने सिर के बाल त्याग कर विरोध दर्ज कराया। कर्मचारियों ने कहा है कि वह 19 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल रहे हैं। जंगलों की सुरक्षा के प्रति प्रशासन और सरकार मौन है। कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी की गई और अब वनसंपदा के दोहन पर रोक लगाने में भी नाकाम साबित हो रहे हैं। वन कर्मचारियों के इस प्रदर्शन में दूसरे कर्मचारी संगठनों ने भी सहयोग दिया है। कहा है कि जरूरत पड़ी तो वह भी प्रदर्शन के लिए सामने आएंगे।
Published on:
06 Jun 2018 12:46 pm
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