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दूल्हे राजा की खुशी छात्रों को दे रहा गम

इधर नाचते हैं बाराती, उधर बढ़ती है छात्रों की टेंशन...

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रीवा

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Ajit Shukla

Feb 12, 2018

Happiness of dulhe raja, reason of student's tension

Happiness of dulhe raja, reason of student's tension

रीवा। बोर्ड परीक्षा की तैयारी में देर रात तक फुल स्पीड में बजने वाले बैंडबाजा खलल बने हुए हैं। गली-मुहल्लों में खुले बारात घरों के चलते छात्रों को न ही पढ़ाई करना मुमकिन हो पा रहा है और न ही उन्हें सुकुन की नींद नसीब हो रही है। बैंडबाजा और बारातियों की यह मनमानी उस स्थिति में है, जब जिला प्रशासन की ओर से प्रतिबंध लगाया जा चुका है।

शुरू होने वाली है बोर्ड परीक्षा
माध्यमिक शिक्षा मंडल और सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा शुरू होने में अब केवल चंद दिन बाकी हैं। मार्च में पहले सप्ताह से परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। वर्तमान में कक्षा ९वीं व 11वीं के साथ विद्यालयों में प्री-बोर्ड की परीक्षा शुरू है। परीक्षा तैयारी में छात्रों को समस्या न हो, इसके मद्देनजर जिला प्रशासन ने बैंडबाजा के तेज ध्वनि पर प्रतिबंध लगाया है।

जिला प्रशासन का प्रतिबंध बेअसर
जिला प्रशासन की ओर से लगाए गए प्रतिबंध के मुताबिक रात १० बजे से सुबह ८ बजे तक लाउस्पीकर व डीजे बजाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। निर्देश का उल्लंघन करने वालों पर जब्ती के साथ उन पर आर्थिक दंड भी किया जाएगा। यह बात और है कि बैंडबाजा और बाराती दोनों पर ही यह प्रतिबंध बेअसर है।

गली-मोहल्लों के बारात घर बने मुसीबत
परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए देर रात तक बिना रोकटोक के बजने वाले बैंडबाजा ही नहीं बल्कि गली मोहल्लों में स्थित बारात घर भी परेशानी का सबब बने हुए हैं। गली मोहल्लों में बैंडबाजे की तेज ध्वनि और पूरी रात बनी चहल-पहल से छात्रों का पढ़ाई करना और सोना दोनों ही मुमकिन नहीं हो पा रहा है।

ताकि बाधित न हो छात्रों की एकाग्रता
जिला प्रशासन ने बैंडबाजा के शोरशराबे पर इस उद्देश्य से प्रतिबंध लगाया गया है कि पढ़ाई के दौरान छात्रों की एकाग्रता प्रभावित न हो। क्योंकि बैंडबाजे का शोर ठीक उसी समय शुरू हो जाता है। जब छात्रों की पढ़ाई का वक्त होता है। या फिर छात्र पढ़ाई के बाद सो रहे होते हैं।