
icici bank corruption in rewa, fir at assestent manager rewa
रीवा। बैंक में जमा राशि में वहीं के कर्मचारियों द्वारा हेराफेरी किए जाने का मामला सामने आया है। बैंक ग्राहक की सूचना पर एसपी ने तत्काल एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया और सिविल लाइन थाने में आइसीआइसीआइ बैंक के असिस्टेंट मैनेजर सहित अन्य आरोपियों के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।
बताया गया है कि अस्पताल चौराहा निवासी राजन वर्मा अपने सहयोगी संजय सिंह बघेल के साथ सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी की एफआइआर दर्ज कराई है। कहा जा रहा है कि शिकायकर्ता के वाहन की किश्त जमा होने का फर्जी तौर पर प्रमाण बैंक के कर्मचारी देते रहे और किश्त भी बढ़ती गई। इस तरह से बैंक के अन्य कई ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी किए जाने की बात कही गई है। अन्य ग्राहक अभी पुलिस के पास नहीं पहुंचे लेकिन पुलिस का कहना है कि मामले की जांच में पूरे घपले से पर्दा उठ जाएगा। पुलिस ने आइसीआइसीआइ बैंक के सहायक प्रबंधक राजेश यादव सहित अन्य पर धारा 420, 409, 467 एवं 468 के तहत मामला दर्ज किया है।
- यूपी के वाहन के नाम पर जारी एनओसी दे दी
एफआइआर में दर्ज शिकायत के मुताबिक राजन वर्मा ने वर्ष 2016 में सफारी वाहन के लिए 12 लाख रुपए फाइनेंस कराया था। जिसकी महीने में 26 हजार रुपए किश्त निर्धारित की गई थी। किश्त जमा करने के बाद शेष राशि 7.60 लाख रुपए बीते साल नवंबर में एक साथ भुगतान कर दिया था। इस पर बैंक से एनओसी मांगी तो पहले कई दिनों तक टरकाया गया। इसके बाद मुंबई से फोन आता रहा कि किश्त बाकी है, जब बैंक जाकर पता किया तो असिस्टेंट मैनेजर राजेश यादव ने कहा कि किश्त जमा है, जल्द ही एनओसी दे देंगे। कुछ दिन पहले एनओसी बैंक से दी गई लेकिन वह उत्तर प्रदेश के नंबर के वाहन की थी। बैंक कर्मचारियों ने नंबर शिकायतकर्ता की गाड़ी का लिख दिया था।
- लिमिट खाते का भी कर डाला उपयोग
बैंक कर्मचारियों ने मिलकर ग्राहक के साथ दोहरी धोखाधड़ी की। पहले तो उनके द्वारा दिए गए 7.60 लाख रुपए किश्त के जमा ही नहीं किए और फिर बैंक में लिमिट खाते से 3.86 लाख रुपए भी आहरित कर लिया। भोपाल आफिस से फोन आया तो बंैंक जाकर पूछा, जहां आरोपी राजेश यादव ने कहा कि किसी ने गुमराह किया है। सर्वर डाउन है बाद में स्टेटमेंट दे देंगे। बीते 17 अक्टूबर को फिर से भोपाल से फोन आया कि लिमिट खाते से ४.३६ लाख रुपए का उपयोग किया गया है। ब्याज सहित राशि जमा की जाए। बैंक पहुंचकर फिर जानकारी ली तो कर्मचारियों ने गुमराह करने का प्रयास किया। 19 अक्टूबर को जब पुलिस के पास जाने की बात कही तो असिस्टेंट मैनेजर राजेश यादव ने 9.71 लाख रुपए खाते में वापस करते हुए अपनी गलती स्वीकार की और फिर से वाहन की किश्त पूरी होने की एनओसी दे दी। 20 अक्टूबर को दोपहर जब फिर मैसेज आया कि खाते से रुपए काटा गया है, इसलिए एसपी आफिस पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। एसपी ने तत्काल सिविल लाइन थाना प्रभारी को एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया।
- हेड आफिस के फोन को फर्जी काल बताता रहा आरोप
वाहन का किश्त जमा नहीं होने और लिमिट खाते से राशि आहरित होने संबंधी हेड आफिस से फोन ग्राहक राजन वर्मा के पास आते रहे, जिस पर वह असिस्टेंट मैनेजर से मिलने जाते तो वह हर बार यही कहता कि इस तरह के फर्जी काल पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
Published on:
21 Oct 2020 11:15 am
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