
50 हजार रिश्वत लेते धराया ITI प्रिंसिपल, बिल पास करने के लिए मांगा था 15% कमीशन
सरकार की तमाम सख्तियों और लोकायुक्त समेत कई चापामार दस्तों की लगातार कार्रवाई के बावजूद मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहें हैं। रिश्वतखोरी का ताजा मामला इस बार सूबे के रीवा से सामने आया है। यहां रीवा लोकायुक्त पुलिस ने शासकीय इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट (आईटीआई) के प्रिंसिपल करण सिंह राजपूत को 50 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि, आरोपी प्रिंसिपल कॉलेज में सामान खरीदी के बिल पास करने के एवज में कमीशन के रूप में रिश्वत मांग रहा था। हालांकि, शुक्रवार को हुई इस कार्रवाई के पूरा होने के बाद प्राचार्य को आज जमानत पर रिहा भी कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि, आईटीआई के प्रिंसिपल के.एस राजपूत ने कॉलेज के लिए खरीदे गए सामान के बिल पास करने के एवज में प्रभारी बालेंद्र शुक्ला से रिश्वत मांगी थी। दरअसल, आईटीआई को प्रशिक्षण के लिए कच्चा माल खरीदा है। इसके लिए आईटीआई में खरीदी विभाग और उसके लिए प्रभारी भी नियुक्त हैं। शिकायतकर्ता बालेंद्र शुक्ला विबाग में खरीदी प्रभारी हैं। कॉलेज के प्राचार्य द्वारा सहायक ग्रेड 3 के खरीदी प्रभारी बालेंद्र शुक्ला से बिल पास कराने के बदले 15 परसेंट कमीशन मांगा था। इसपर बालेंद्र शुक्ला की ओर से रीवा लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की गई।
रिश्वत लेते धराया
शिकायत की पुष्टि होने के बाद शुक्रवार को निरीक्षक प्रमेन्द्र कुमार के नेतृत्व में 16 सदस्य टीम का गठित की गई। इसके बाद देर शाम प्राचार्य के.एस राजपूत को उनके कार्यालय में 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रैप कर लिया गया। प्राचार्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया गया है। फिलहाल, शनिवार को प्रिंसिपल करण सिंह राजपूत जमानत पर रिहा भी कर दिए गए हैं।
Published on:
19 Aug 2023 03:56 pm
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