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MP का यह तेज गेंदबाज अब न्यूजीलैंड की फास्ट पिच पर करेगा गेंदबाजी

हाल ही में ईरानी ट्रॉफी के लिए हुए मैच में 8 विकेट को लेकर चर्चा में छाने वाले कुलदीप बचपन में फटे मोजे और मोगरी से क्रिकेट खेलते थे।

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मप्र के रीवा जिले के गांव हरिहरपुर के रहने वाले हैं भारतीय क्रिकेट टीम में खेलने वाले कुलदीप सेन

रीवा। तेज गेंदबाज कुलदीप सेन अब न्यूजीलैंड की फास्ट पिच पर गेंदबाजी करेंगे। दरअसल कुलदीप को न्यूजीलैंड दौरे के लिए टीम इंडिया में चुना गया है। 21 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच गुजरात के राजकोट में हुए रेस्ट ऑफ इंडिया क्रिकेट टीम (ईरानी ट्रॉफी) के मैच में कुलदीप ने 8 विकेट चटकाए थे। इससे पहले भी वे पिछले आइपीएल में अपनी गेंदबाजी से सबका ध्यान अपनी ओर खींच चुके हैं।

एपीएसयू पवेलियन के क्रिकेट कोच एरिल एंथोनी बताते हैं कि कुलदीप ने पहली पारी में पांच विकेट, तो दूसरी पारी में तीन विकेट लिए थे। इसी खेल की बदौलत 29 अक्टूबर को एनसीए कैंप बेंगलूरू के लिए उन्हें चुना गया। हाल ही में इंडिया के दो मैचों में कुलदीप ने तीन महत्वपूर्ण विकेट लेकर सबको चौंका दिया था। इसके बाद से ही कुलदीप सभी के पसंदीदा खिलाड़ी बन गए।

फटे मोजे की गेंद, मोगरी से खेलते थे क्रिकेट
उनके करीबी बताते हैं कि कुलदीप को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था। वह फटे मोजे की गेंद और मोगरी से क्रिकेट खेलता था। उनके दोस्त राघवेंद्र का कहना है कि वे दोनों एक ही साथ पले-बढ़े हैं। 2005 में हमारी उम्र 8 से 10 साल थी। तब हमारे पास गेंद और बैट नहीं होता था। ऐसे में हम फटे मोजे की गेंद बनाकर और मोगरी के बैट से क्रिकेट खेला करते थे। उस समय क्रिकेट उनके लिए केवल मनोरंजन का साधन मात्र था। इस खेल के बारे में उन्हें कुछ भी पता नहीं था।

कुलदीप के रूम में सिर्फ उनके दोस्त जाते हैं
राघवेंद्र बताते हैं कि कुलदीप के रूम में कोई भी नहीं आता-जाता। सिर्फ उनके दोस्त यानि केवल मैं ही एंट्री लेता हूं। सुबह से शाम तक कुलदीप के रूम में बैठकर उसके ही जीवन के सपने बुनते रहते हैं। कुलदीप की जर्सी, जूता और बैट-गेंद देखकर बहुत गर्व होता है। कुलदीप के दोस्त राघवेंद्र कहते हैं कि अब उस दिन सबसे बड़ी खुशी मिलेगी, जब कुलदीप भारतीय टीम का एक स्थापित बॉलर बन जाएगा। देश दुनिया में रीवा को कुलदीप की वजह से जाना जाएगा।

एशिया कप में चयन, खेलने का मौका नहीं मिला
दो माह पहले कुदीप का चयन एशिया कप के लिए हुआ था। 27 अगस्त से 11 सितंबर के बीच दुबई में खेले गए इस एशिया कप में पहुंचे कुलदीप को खेलने का मौका नहीं मिल पाया। तब उन्हें इंडियन क्रिकेट में 18 सदस्यीय टीम में जगह दी गई थी। बैकअप खिलाड़ी स्टैंडबाय के रूप में श्रेयस अय्यर, दीपक चाहर और अक्षर पटेल का चयन हुआ था। चोट के कारण दीपक चाहर को ड्रॉप कर कुलदीप सेन को लिस्टेड किया गया था।

कुलदीप के पिता चलाते हैं सैलून
कुलदीप सेन का जन्म 28 अक्टूबर 1996 को रीवा शहर के गांव हरिहरपुर में हुआ था। कुलदीप के पिता रामपाल सेन की सिरमौर चौराहे पर सैलून शॉप चलाते हैं। तीन भाइयों में सबसे बड़े कुलदीप ही हैं। दूसरे नंबर के भाई राजदीप सेन का हाल में मध्यप्रदेश पुलिस में चयन हुआ है। वहीं तीसरे नंबर के जगदीप सेन कोचिंग चलाते हैं। आइपीएल के कई मैचों में कुलदीप 149 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बॉलिंग कर अपना जलवा बिखेर चुके हैं।

हाल में यहां किया बेहतरीन प्रदर्शन
कुलदीप ने हाल ही में ईरानी ट्रॉफी के लिए खेला। उसमें उन्होंने एक मैच खेला और 8 विकेट चटकाए। इंडिया ए के लिए दो मैच में तीन तो ऑस्ट्रेलिया वल्र्ड कप के लिए नेट बॉलर के रूप में चुने गए।

कुलदीप के खेल पर एक नजर

















फस्र्ट क्लास मैच17 मैच 51 विकेट
टी20 मैच27 मैच 25 विकेट
लिस्ट ए7 में 8 विकेट