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लखौरीबाग में ‘लल्ली’ खा रही जली रोटियां, बच्चों का लड्डू डकार रहे अफसर

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने कहा-किचेन शेड चालू करने के लिए हाथ जोडऩे आए थे, आज अच्छा भोजन तो दूर, बच्चों के लिए नास्ते में भेज रहे लकड़ी जैसी सलोनी

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रीवा

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Rajesh Patel

Aug 13, 2018

Lakhouribag, 'Lalli' eaters eat roti

Lakhouribag, 'Lalli' eaters eat roti

रीवा. शहर के लखौरीबाग और पुष्पराज नगर मोहल्ले में आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को मध्याह्न भोजन नहीं परोसा जा रहा है। घटिया भोजन की सप्लाई के चलते अभिभावक और केंद्र के कार्यकर्ता इसे मवेशियों को खिला रहे हैं। इतना ही नहीं नास्ते का मेन्यू भी दरकिनार कर दिया गया है। जिम्मेदारों की मनमानी अफसरों के चश्में में नहीं दिख रही है।

्रकेंद्र पर 40 बच्चे पंजीकृत
शहर के वार्ड-3 पुष्पराज नगर और लखौरीबाग की सीमा पर स्थित आंगनबाड़ी क्रमांक-एक पर दोपहर 1.10 बजे पत्रिका टीम पहुंची। इस दौरान यहां पढऩे वाली छात्रा सिवानी जली रोटियों को लल्ली नाम की गाय को खिला रही थी। पूछने पर सिवानी के अभिभावक और कार्यकर्ता ने बताय कि ज्यादातर बच्चे खाने के बजाए भोजन लल्ली को दे देते हैं। कार्यकर्ता शशिकला त्रिपाठी ने बताया कि केंद्र पर ४० बच्चे पंजीकृत हैं।

लकड़ी जैसी दे रहे सलोनी
कार्यकर्ता ने बताया कि पानीदार आलू की सब्जी दिया है। अभिभावकों के पूछने पर कार्यकर्ता ने बताया कि केंद्र पर बच्चों का भोजन पुरुषोत्तम तिवारी निर्मला समूह से आता है, शुरू में तिवारी जी स्वयं हाथपैर जोड़ कर कह रहे थे कि हमारा किचेनशेड चलवाइए, आज बच्चों को ठीक से भोजन तक नहीं दिया जा रहा है, नास्ता की बात तो दूर। नास्ते में लकड़ी जैसी सलोनी दे रहे, लड्डूू तो एक साल से नहीं आ रहा है।

कहीं सब्जी तो कहीं दाल, लड्डू तो देखा तक नहीं
शहर के लखौरी बाग में आधा दर्जन से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र है। लखौरी बाग में हंस भवन के पड़ोस में स्थित केंद पर कार्यकर्ता मनोरमा पांडेय नहीं थीं, केंद्र पर तीन वर्षीया संध्या खेल रही थी। सहायिका गीता वर्मा भोजन दिखाते हुए कहा कि दाल रोटी है, सब्जी नहीं आयाी है। चालीस बच्चों में मात्र पांच बच्चे खाए, शेष ऐसे ही चले गए। संध्या ने बताया कि उसे लड्डू नहीं दिया जाता है। पुष्पराज नगर में कार्यकर्ता शशिकला ने बताया कि एक साल से लड्डू नहीं आ रहा है।

पंजाब की लल्ली को भी रास नहीं आ रही रोटियां
आंगनबाड़ी केंद्र पर दिलचस्प बात तो यह रही कि जिस वक्त सिवानी लल्ली को जली रोटियां खिला रही थी, तभी पूछा लल्ली से पूछा कि रोटियां और खओगी, लल्ली ने सिर हिलाकर नहीं का इशारा किया। कार्यकर्ता ने बताया कि हमारे गाय का नाम लल्ली है, पंजाब से आयी है।

तुअर की दाल और छोला की जगह आलू की पानीदार सब्जी
लखौरी बाग और पुष्पराज नगर के आंगनबाड़ी केंद्रों पर सोमवार को मेन्यू को दरकिनार कर भोजन दिया गया। जिम्मेदारों की ओर से जली रोटियां और पानीदार आलू की सब्जी और दाल दिया गया। जबकि मेन्यू में काबुली चना और टमाटर की सब्जी के साथ तुअर की दाल और रोटी है।