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रीवा। शहर में एक और कन्या महाविद्यालय खोले जाने की मांग तेज हो रही है। हर साल बड़ी संख्या में छात्राएं प्रवेश से केवल इसलिए वंचित रह जाती हैं कि शासकीय कन्या महाविद्यालय में सीटों की संख्या फुल हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली अधिकांश छात्राएं कन्या महाविद्यालय में ही प्रवेश चाहती हंै लेकिन सभी को प्रवेश नहीं मिल पाता। जिसकी वजह से कुछ तो दूसरे कालेजों में प्रवेश के लिए चली जाती हैं लेकिन अधिकांश ऐसी हैं जिनकी नियमित पढ़ाई यहीं पर रुक जाती है। बीते कई वर्षों से शहर में एक और शासकीय कन्या महाविद्यालय खोले जाने की मांग की जा रही है। शासन के स्तर तक यह आवाज पहुंच चुकी है, जिसके चलते पूर्व में कलेक्टर से इस पर रिपोर्ट भी मांगी गई थी। दो वर्ष पहले तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री ने एक और कन्या महाविद्यालय खोले जाने की घोषणा भी कर दी थी। प्रदेश में बदलते राजनीतिक घटनाक्रम का इस पर असर पड़ा है। नया कालेज खोले जाने की प्रक्रिया पूरी तरह से ठप हो गई है। अब प्रवेश प्रक्रिया जल्द ही कालेजों में शुरू होने जा रही है। इसलिए एक बार फिर से रीवा में नया कालेज खोलने की मांग उठने लगी है। इसमें वह छात्राएं भी आगे आ रही हैं जिन्हें कालेज में पढ़ाई करनी है। हाल ही में संभागायुक्त के पास छात्राओं का एक प्रतिनिधि मंडल पहुंचा था, जिसने ज्ञापन सौंपकर मांग उठाई है कि रीवा में नया कालेज छात्राओं के लिए खोला जाए ताकि वह भी शासन की मंशा के अनुरूप पढ़ाई कर सकें।
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कालेज नहीं खुला तो प्रदर्शन होगा
अभी तक राजनीतिक संगठनों से जुड़े छात्र संगठन ही नया कालेज खोलने की मांग उठा रहे थे। लेकिन अब आम छात्र भी इस मांग पर जोर दे रहे हैं। छात्राओं ने कहा है कि वह अब रीवा में नए कालेज के लिए पूरा प्रयास करेंगी, हर उस नेता-अधिकारी के पास अपनी मांग रखेंगी जो इसमें मदद कर सकते हैं। उनकी मांगों की यदि अनदेखी हुई तो वह धरना-प्रदर्शन भी अभिभावकों के साथ मिलकर करेंगी।
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वर्जन---
रीवा संभागीय मुख्यालय है, इसलिए यहां पूरे संभाग से छात्राएं पढऩे के लिए आती हैं। एक ही महाविद्यालय होने की वजह से सबको प्रवेश नहीं मिल पाता है। अब जरूरी हो गया है कि नया कालेज खोला जाए ताकि सबको प्रवेश मिल सके।
पलक सिंह, छात्रा
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कई वर्षों से प्रवेश के दिनों में छात्राएं मांग उठाती हैं। जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को स्वयं प्रयास करना चाहिए। पता चला है कि गंगा कछार कार्यालय खाली हो रहा है तो उसमें भी कालेज की कक्षाएं संचालित कराई जा सकती हैं।
कोमल तिवारी, छात्रा
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मध्यमवर्गीय परिवार की लड़कियां न तो अधिक शुल्क देकर प्राइवेट कालेज में प्रवेश ले पातीं और न ही दूसरे शहर जाती हैं। इसलिए कन्या महाविद्यालय का विस्तार रीवा में आवश्यक हो गया है। अन्यथा हर साल हजारों छात्राएं प्रवेश से वंचित होती रहेंगी।
कासनी पटेल, छात्रा
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हर लड़की सुरक्षित माहौल में पढ़ाई चाहती है। इसीलिए कन्या महाविद्यालय में प्रवेश के लिए आती है लेकिन यहां सबको प्रवेश नहीं मिल पाता। एक और कालेज खुले या फिर इसी कालेज का विस्तार किया जाए ताकि सबको पढ़ाई का अवसर मिल सके।
सृष्टि नामदेव, छात्रा
Published on:
10 Jul 2021 09:55 pm
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