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मुख्यमंत्री भेज रहे विदेश, मौका न चूकें, आवेदन करने अब बचे केवल चंद घंटे

एक किसान ने जताई इच्छा, किया आवेदन...

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रीवा

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Ajit Shukla

May 24, 2018

Not interested in farmers regarding Chief Minister foreign tour

Not interested in farmers regarding Chief Minister foreign tour

रीवा। मुख्यमंत्री किसान विदेश अध्ययन यात्रा में यहां के किसानों ने रूचि नहीं दिखाई है। अब तक केवल एक किसान ने यात्रा पर जाने की इच्छा जताते हुए आवेदन किया है। जबकि कृषि विभाग में आवेदन करने के लिए अब केवल एक दिन का समय शेष है।

किसानों की कल भेजी जाएगी सूची
शासन स्तर से शुरू की गई योजना के तहत कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन, मुर्गीपालन व रेशमपालन से सहित अन्य संबंधित किसानों को चीन की यात्रा पर अध्ययन के लिए भेजा जाना है। निर्देशों के अनुरूप जिले से तीन किसानों का चयन करके 25 मई को भोपाल कृषि विभाग को भेजा जाना है। इसके लिए 24 मई तक किसानों को आवेदन करने का मौका दिया गया है।

योजना में कई विभाग हैं शामिल
कृषि विभाग के उप संचालक एसके माहौर की माने तो अभी तक केवल बैकुंठपुर के एक किसान वीरेंद्र सिंह ने आवेदन किया है। उपसंचालक के मुताबिक आवेदन करने वाले किसानों में से तीन का चयन कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन व मत्स्य पालन के अधिकारियों की बनी समिति की ओर से किया जाना था। जिस पर कलेक्टर से अनुमोदन प्राप्त कर भोपाल भेजा जाना है। लेकिन केवल एक किसान के आवेदन से चयन की समस्या ही समाप्त हो गई।

आज भी कर सकते हैं आवेदन
अध्ययन के लिए चीन की यात्रा पर जाने के लिए किसान 24 मई को शाम पांच बजे तक आवेदन कर सकते हैं। कृषि विभाग के उप संचालक के मुताबिक किसान आवेदन के साथ पासपोर्ट साइज का फोटो, तीन वर्ष का आयकर रिटर्न व कृषक ऋण पुस्तिका का भाग एक व भाग दो, पांच साल का खसरा बी-1 व खतौनी की प्रमाणित छाया प्रति, छह महीने के बैंक स्टेटमेंट, पेनकार्ड व आधार कार्ड की छायाप्रति के साथ देना होगा।

मांगे गए दस्तावेज बने समस्या
यात्रा पर जाने के लिए किसानों की ओर से आवेदन नहीं किए जाने के पीछे दस्तावेजों की पूर्ति मुख्य समस्या मानी जा रही है। आवेदन के साथ जो दस्तावेज मांगे गए हैं। किसानों की ओर से उनकी पूर्ति कर पाना मुमकिन नहीं हो रहा है। गौरतलब है कि यात्रा में होने वाले व्यय का लघु सीमांत किसानों को 90 प्रतिशत, सामान्य वर्ग के किसानों को 50 प्रतिशत, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के किसानों को 75 प्रतिशत के अनुदान की पात्रता होगी।