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धूल बिगाड़ रही शहर की आबोहवा , हर सांस में घुल रहा जहर, नए बस स्टैंड से स्टेशन मोड़ पर दो गुना प्रदूषण

कलेक्टर ने कहा कि शहर में सीवर लाइन बनाने का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए 3 से 6 मीटर तक गहरी खुदायी की जा रही है। इसकी मिट्टी के फैलने तथा इस पर वाहन चलने पर भी वायु प्रदूषण बढ़ रहा है।

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रीवा

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Rajesh Patel

Nov 20, 2019

 pollution : Air quality induction in rewa

pollution : Air quality induction in rewa

रीवा. प्रदूषण के मामले को लेकर देश की राजधाीन दिल्ली की दुनियाभर में चर्चा का विषय बनी है। इधर, शहर की अबोहवा भी शुद्ध नहीं है। कारण हवा तब शुद्ध मानी जाती है जब एयर क्आलिटी इंडेक्शन (एक्यूआई) 50-60 से कम हो, लेकिन शहर में औसत एक्यूआई कई गुना ज्यादा है। नए बस स्टैंड समान में एक्यूआई 300 है, जबकि स्टेशन मोड पर 500 एक्यूआई तक है। जो काफी खतरनाक है।

उखड़ी सडक़ों से उडऩे वाले धूल शहर की आबोहवा बिगाड़ रही
शहर में मनमानी निर्माण कार्य और उखड़ी सडक़ों से उडऩे वाले धूल शहर की आबोहवा बिगाड़ रही है। लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपायो की कलेक्टर ने मंगलवार को समीक्षा की। कलेक्ट्रेट हुई बैठक में कलेक्टर ने निर्माण एजेंसियों तथा अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि निर्माण कार्यों के कारण आम जनता के स्वास्थ्य को संकट में नहीं डाला जाएगा। शहर में कई निर्माण कार्य चल रहे हैं जिनके कारण लगभग पूरे शहर में धूल छाई रहती है। रेलवे स्टेशन मोड तथा नये बस स्टैण्ड के पास निर्माणाधीन ओवरब्रिज के कारण इन क्षेत्रों में वायु प्रदूषण कई गुना अधिक है। इसे रोकने के प्रभावी उपाय करें।
दिन में छह बार पानी का छिडक़ाव करें
कलेक्टर ने कहा कि शहर में सीवर लाइन बनाने का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए 3 से 6 मीटर तक गहरी खुदायी की जा रही है। इसकी मिट्टी के फैलने तथा इस पर वाहन चलने पर भी वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। पक्की सडक़ खोदकर निर्माण एजेंसी मिट्टी डालकर उसे छोड़ रही है। इस पर वाहन चलने से लगातार धूल उड़ती रहती है निर्माण एजेंसियां कार्य स्थल पर दिन में कम से कम 6 बार पानी का छिडक़ाव करें। जिससे धूल नियंत्रित हो सके। निर्माण स्थल पर 15 फिट ऊंची अस्थाई दीवार बनाएं जिससे धूल कणों को फैलने से रोका जा सके।

यहां पर हवा में तैयार रहा प्रदूषण
बैठक में पर्यावरण विभाग के अनुसंधान अधिकारी ने बताया कि नये बस स्टैण्ड समान में वायु प्रदूषण निर्धारित 100 एक्यूआई की तुलना में 300 है जबकि स्टेशन मोड़ में इसका स्तर 500 एक्यूआई है। निर्माण एजेंसियां यदि निर्धारित मापदण्डों का पालन करें तो प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सकता है।