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पहली बार एनर्जी सेविंग मॉडल पर स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी

कम ऊर्जा खपत वाली लगेगी लाइट, शहर की सभी स्ट्रीट लाइट बदलकर नई एलइडी लगाई जाएंगी

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रीवा

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Mrigendra Singh

Jul 18, 2018

rewa

power energy saving model street light rewa mp

रीवा। सरकार के सहयोग से बिजली बचत के लिए शहर में एक नए प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है। अब एनर्जी सेविंग मॉडल पर ऐसी स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी जो कम मात्रा में बिजली की खपत करेगी। नई व्यवस्था की देखरेख निजी हाथों में निगम ने सौंप दी है। बताया गया है कि एलइडी स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट भारत सरकार के उपक्रम एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (इइएसएल) के माध्यम से एनर्जी सेविंग मॉडल द्वारा क्रियान्वित की जाएगी।
प्रदेश में रतलाम के बाद रीवा ही ऐसा दूसरा शहर है जिसने इस माडल पर कार्य प्रारंभ कर दिया है। अन्य शहरों में अभी कार्ययोजना बनाई जा रही है। रीवा में इसकी शुरुआत कर दी गई है। वार्ड-13 के नेहरू नगर में हनुमान पार्क में लाइट लगाने की शुरुआत की गई। वार्ड पार्षद नम्रता सिंह ने बताया है कि पहले चरण में पार्कों की लाइट बदली जा रही है।
इसके अलावा वार्ड 14 में भी कई स्थानों पर पुरानी स्ट्रीट लाइट निकाली गई है और नई लगाई गई है। यहां की पार्षद रूपा जायसवाल ने बताया कि नई स्ट्रीट लाइट को लेकर वार्ड के लोगों में नया उत्साह देखा जा रहा है। शहर के खंभों में कम बिजली खपत वाली स्ट्रीट लाइट लगेंगी स्ट्रीट लाइट के इस प्रोजेक्ट के तहत कम ऊर्जा खपत वाली एलईडी लगाई जाएगी। शहर के 15 हजार 765 खंभों में 15 हजार स्ट्रीट लाइट लगी हुई हैं, जिन्हें हटाकर इइएसएल नए सिरे से लाइट लगाने का काम शुरू कर चुकी है।

21 करोड़ रुपए का है प्रोजेक्ट
नगर निगम ने इइएसएल एनर्जी सेविंग माडल वाली स्ट्रीट लाइट लगाने उसके मेंटेनेंस का काम दिया है। सात वर्ष के लिए यह प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट की लागत 9.91 करोड़ रुपए है। यह लागत और आगामी सात वर्षों तक मेंटेनेंस के काम में कुल 21 करोड़ रुपए कंपनी खर्च करेगी। कंपनी अपना मानीटरिंग सिस्टम लगाएगी जिसमें शिकायत मिलने के 48 घंटे के भीतर खराबी को सुधारना होगा।

मॉनीटरिंग सिस्टम भी होगा
शहर में नई स्ट्रीट लगाए जाने के बाद उसका मानीटरिंग सिस्टम भी आधुनिक होगा। लाइट में कोई भी खराबी आने पर कंपनी के मॉनीटरिंग सिस्टम के माध्यम से यह पता चल जाएगा कि कहां पर खराबी है। सेंट्रल कंट्रोल मॉनीटरिंग सिस्टम (सीसीएमएस) से सभी लाइटों को जोड़ा जाएगा। इसमें ऑटोमेटिक सिस्टम भी लगाया जाएगा जिसमें लाइट के जलने और बुझने का समय निर्धारित किया जाएगा। इससे दिन में भी लाइट जलने की शिकायतें नहीं आएंगी। किसी भी स्थान पर खराबी के 48 घंटे के भीतर लाइट को जलाना होगा अन्यथा निगम द्वारा पेनाल्टिी भी लगाई जाएगी।

हर साल दो करोड़ भुगतान करेगा निगम
नगर निगम कंपनी को हर साल दो करोड़ रुपए भुगतान करेगा। कुछ साल के बाद यह राशि घटेगी। अभी शहर में लगे स्ट्रीट लाइट में हर साल 80 लाख रुपए से अधिक की राशि मेंटीनेंस के नाम पर राशि खर्च की जा रही है। जिसमें 29 कर्मचारियों के वेतन और वाहन का खर्च शामिल है। इस बीच नई लाइट निगम को खरीदने की जरूरत नहीं होगी।