9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

स्कूल बंद कर सडक़ पर उतरे संचालक, आक्रोश में उद्योग मंत्री के आवास जा पहुंचे, जानिए फिर क्या हुआ

सरकार के खिलाफ निकाली भड़ास...

2 min read
Google source verification

रीवा

image

Ajit Shukla

Aug 29, 2018

Private school manager oppose govt rules in Rewa, udyog mantri meeting

Private school manager oppose govt rules in Rewa, udyog mantri meeting

रीवा। निजी स्कूल संचालकों ने सरकार की नीतियों के विरोध में मंगलवार को स्कूलों में एक दिन सांकेतिक बंदी कर विरोध जताया। उद्योग मंत्री को ज्ञापन सौंपकर स्कूल संचालकों ने राहत दिलाने की अपील की।

संचालकों ने सडक़ पर उतर कर किया प्रदर्शन
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के बैनर तले स्कूल संचालकों ने स्कूलों में अध्ययन-अध्यापन का कार्य स्थगित कराते हुए सडक़ पर प्रदर्शन किया। रैली निकालकर संचालक उद्योग मंत्री राजेंद्र शुक्ला के आवास पर पहुंचे और सरकार की नीतियों को स्कूल संचालन में बाधा बताते हुए तत्काल वापस लेने की मांग की।

नीतियां लागू हुई तो मुश्किल होगा स्कूलों का संचालन
स्कूल संचालकों ने कहा कि सरकार की ओर से निर्धारित की जा रही नीतियां लागू कर दी गई तो स्कूलों का संचालन संभव नहीं हो पाएगा। संचालकों को मजबूरन स्कूलों में तालाबंद करना पड़ेगा क्योंकि ज्यादातर नीतियां व्यवहारिक नहीं हैं। उद्योग मंत्री ने आश्वासन दिया कि ऐसी कोई भी नीति नहीं लागू की जाएगी, जिससे स्कूलों का संचालन प्रभावित हो।

पांच सितंबर से करेंगे अनिश्चितकालीन बंदी
स्कूल संचालकों ने एक दिवसीय बंदी के दौरान चेतावनी दी कि चार सितंबर तक सरकार की ओर से उनकी मांगों को लेकर सकारात्मक रूख नहीं अपनाया गया तो वह पांच सितंबर से स्कूलों में अनिश्चितकालीन बंदी करने को मजबूर होंगे।

बंद रहे एमपी बोर्ड के ज्यादातर निजी स्कूल
एसोसिएशन के आह्वान पर एमपी बोर्ड ज्यादातर निजी स्कूल बंद रहे। कई स्कूलों में पूर्व से ही अवकाश घोषित कर दिया गया था। यह बात और है कि सीबीएसई स्कूलों के संचालकों ने बंदी का समर्थन नहीं किया। लगभग सभी सीबीएसई के स्कूल खुले रहे।

स्कूल संचालकों की यह है प्रमुख मांग
फीस नियंत्रण अधिनियम को बताया अव्यवहारिक, तत्काल वापस लेने की मांग।
नि:शुल्क शिक्षा अधिनियम में डिजीटाइजेशन व बायोमैट्रिक प्रणाली नहीं हो लागू।
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा मान्यता शुल्क में चार गुना बढ़ोत्तरी को वापस हो।
मान्यता में स्कूल की भूमि के लिए एक एकड़ की न्यूनतम बाध्यता समाप्त हो।
स्कूलों को वर्ष 2019 तक प्रशिक्षित शिक्षकों की अनिवार्यता से मुक्त रखा जाए।