scriptमंदिरों से दूर रहें साईं भक्त, शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने साधा निशाना | Puri Shankaracharya Swami Nischalananda statement on Sai devotees | Patrika News

मंदिरों से दूर रहें साईं भक्त, शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने साधा निशाना

locationरीवाPublished: Apr 15, 2023 11:34:54 am

Submitted by:

deepak deewan

कहा— साईं भक्त हमारे मठ-मंदिर दूषित नहीं करें: संघ प्रमुख पर भी निशाना साधा, मोहन भागवत हमारे सामने बच्चे जैसे, इनके पास गुरु, गोविंद और ग्रंथ का अभाव…

shankaracharya-nischalananda.png

संघ प्रमुख पर भी निशाना साधा

रीवा. एमपी के रीवा में पुरी गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने आरएसएस और साईं भक्तों को लेकर कई तल्ख टिप्पणियां की हैं। शंकराचार्य ने यहां बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस में साईं भक्तों पर हमला बोला।उन्होंने साईं भक्तों को मंदिरों से दूर रहने को कहा। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बारे में उन्होंने कहा कि वे हमारे सामने बच्चे जैसे हैं, इनके पास गुरु, गोविंद और ग्रंथ का अभाव है।

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने साईं भक्तों के बारे में कहा कि वे किसी को भी ईश्वर या अल्लाह मानें, इस पर कोई ऐतराज नहीं है। वह अपना निशान धारण कर घूमें, इस पर भी आपत्ति नहीं है लेकिन वह हमारे मठ-मंदिरों को दूषित करने का कार्य नहीं करें।

सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा कि जहां सरकारें सशक्त नहीं हैं, वहां धर्म परिवर्तन और हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। सभी धर्मों के पूर्वज हिन्दू ही रहे हैं। रोम में ईसा मसीह की प्रतिमा वैष्णव तिलक युक्त है। रामचरित मानस की चौपाइयों को लेकर छिड़े विवाद पर कहा, हिन्दुओं की सहिष्णुता को अक्षमता नहीं समझा जाए।

हर कोई खुद को जगद्गुरु घोषित कर रहा— देश में जगद्गुरु की पदवी घोषित करने को लेकर विवाद चल रहा है। इस पर शंकराचार्य ने कहा कि शासन तंत्र दिशाहीन हो चला है। इस कारण हर कोई खुद को जगद्गुरु घोषित कर रहा है। जब राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री जैसे बड़े पद नकली नहीं हो सकते तो जगद्गुरु क्यों हो रहे हैं। सनातन धर्म का झंडा ऊंचा करने वाले को जगद्गुरु कहा जाता रहा है।

महिलाओं को पूजा के अधिकार को लेकर कहा कि जो व्यवस्था पहले थी वह उचित है। वैज्ञानिक तर्क दिया कि तैराकी करने वाली या अन्य शारीरिक श्रम करने वाली महिलाओं के गर्भाशय खराब हो रहे हैं, इसलिए परंपराओं का पालन करें यही बेहतर रहेगा।

शंकराचार्य ने संघ प्रमुख पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, मोहन भागवत अभी उनके सामने बच्चे जैसे हैं। इनके पास न गुरु है, न ग्रंथ और न ही गोविंद हैं। इसी वजह लोगों का ध्यान भटकाने के लिए अनर्गल बयानबाजी हो रही है। उनको पहले आत्ममंथन करना चाहिए। मोहन भागवत द्वारा जाति व्यवस्था पंडितों की देन के सवाल पर कहा कि हां, जाति और वर्ण व्यवस्था ब्राह्मणों ने बनाई, मूर्खों ने नहीं।

आरक्षण के मुद्दे पर भी शंकराचार्य ने राय व्यक्त की। कहा कि यह देशहित में नहीं हो सकता। इसकी वजह से प्रतिभा की हानि, प्रगति की हानि, परतंत्रता, प्रायोगिक नहीं और प्रतिशोध की भावना जागृत हो रही है। समाज में लकीर खिंच रही है।

हिन्दू राष्ट्र की मांग पर उन्होंने कहा कि यह होकर रहेगा। लहर अमरीका-इंग्लैंड तक पहुंच चुकी है। धर्म निरपेक्षता की बात करनेवालों को समझना होगा कि यह केवल शब्द है। यह व्यक्ति पर लागू नहीं हो सकता।

https://youtu.be/rCyb77itFYg
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो