
Rewa adhyapak not want new appointment in samvilian, education depart
रीवा। शिक्षा विभाग में अध्यापक संवर्ग के संविलियन की प्रक्रिया में नए सिरे से नियुक्ति मंजूर नहीं है। संविलियन के तहत नई नियुक्ति से तो अध्यापक संवर्ग में ही बने रहना बेहतर होगा। मप्र. अध्यापक संघर्ष समिति के बैनर तले रविवार को अध्यापकों ने नई नियुक्ति का विरोध करते हुए धरना प्रदर्शन किया। साथ ही चुनाव सरकार के विरोध का भी ऐलान किया।
अध्यापकों ने जलाई शासनादेश की प्रति
स्वामी विवेकानंद पार्क में धरना प्रदर्शन के दौरान अध्यापकों ने संविलियन से संबंधित शासनादेश की प्रति भी जलाई। अध्यापकों ने कहा कि संविलियन के नाम पर उनकी नई नियुक्ति की जा रही है। इसे किसी भी स्थिति में संविलियन नहीं कहा जा सकता है। संविलियन तो तब माना जाएगा, जब अध्यापकों को उनकी वरिष्ठता के साथ पूर्व की सेवा को जोड़ते हुए शिक्षा विभाग में वर्तमान वेतनमान पर समायोजित किया जाए।
पुरानी सेवा की गणना नहीं होने से है आक्रोश
शासन के प्रति रोष जाहिर करते हुए अध्यापकों ने कहा कि संविलियन के बावत बनाई गई नीति के तहत उनकी पुरानी सेवा बेकार हो जाएगी। पद व वेतन भले ही वर्तमान का ही उन्हें दे दिया जाए लेकिन पुरानी सेवा की गणना नहीं होने पर वरिष्ठता का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। पिछले 15 से 18 वर्ष तक की सेवा बेकार हो जाएगी। इसका असर ग्रेजुएटी व पदोन्नति सहित कई अन्य लाभों पर पड़ेगा।
अध्यापक वचनपत्र भरने भी नहीं हैं तैयार
अध्यापकों ने कहा कि इससे बेहतर तो यही होगा कि वह अध्यापक संवर्ग में ही बने रहें क्योंकि शिक्षा विभाग में संविलियन के बाद भी उन्हें प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षक के रूप में जाना जाएगा। उनकी ओर से विभाग द्वारा शपथपत्र भराए जाने का भी विरोध किया गया। तर्क है कि बिना संविलियन की नीति जाने अध्यापक वचन पत्र कैसे भर सकते हैं। धरना प्रदर्शन के दौरान सतेंद्र सिंह तिवारी, फातिमा बानो, गुरुकृष्ण मणि, अग्निहोत्री, राकेश गौतम, सुधीर पाण्डेय, उपेंद्र मिश्रा, द्विजेंद्र नाथ मिश्रा, कृष्ण कुमार त्रिपाठी, प्रवीण पटेल, रामराज साकेत, राजेंद्र सिंह, राममणि पटेल, अनंतराम अहिरवार, संजय द्विवेदी सहित अन्य अध्यापक उपस्थित रहे।
चुनाव में करेंगे भाजपा सरकार का विरोध
धरना प्रदर्शन के दौरान अध्यापकों ने यह भी ऐलान किया कि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वह आगामी चुनाव में भाजपा सरकार का विरोध करेंगे। अध्यापक घरों के आगे बोर्ड लगाकर यह लिखेंगे कि वह अध्यापक हैं भाजपा को वोट नहीं देंगे। अपना व उनका समय नहीं बर्बाद करें।
अध्यापकों की यह है मांग
- राज्य शिक्षा सेवा कैडर में नहीं बल्कि मूल शिक्षा विभाग में संविलियन हो।
- संविलियन में नियुक्ति दिनांक से अध्यापकों को वरिष्ठता का लाभ दिया जाए।
- बिना सेवा शर्तों की जानकारी दिए कोरे कागज पर वचनपत्र नहीं भरवाया जाए।
- संविलियन के बावत जारी राजपत्र में मांगों के अनुरूप जल्द से जल्द संशोधन हो।
Published on:
27 Aug 2018 12:55 pm
बड़ी खबरें
View Allरीवा
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
