
रीवा. राजस्व विभाग की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए कलेक्टर इलैयाराजा टी लगातार प्रयास कर रहे हैं। जिला स्तर पर प्रत्येक 15 दिनों में राजस्व कार्यों की समीक्षा की जा रही है। इसके साथ-साथ तहसील स्तर पर भी राजस्व कार्यों की समीक्षा बैठकों में कलेक्टर तथा अपर कलेक्टर राजस्व कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। इसके सकारात्मक परिणाम नजर आने लगे हैं।
भूमि बंधक के 585 आवेदन पत्र निराकृत
राजस्व प्रकरणों के निराकरण में एक से 15 सितम्बर के पखवाड़े में रीवा जिला प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहा। इस अवधि में जिले के राजस्व अधिकारियों ने 5102 राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया। जिले के हुजूर तहसील के तहसीलदार आरके त्रिपाठी ने एक से 15 सितम्बर की अवधि में दर्ज 586 प्रकरणों में से 442 प्रकरणों का निराकरण करके प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। उनके निराकरण का प्रतिशत 75 रहा। भू-अभिलेख विभाग द्वारा संचालित मध्यप्रदेश लैंड रिकार्ड मैनेजमेंट सोसायटी की एक से 15 सितम्बर के पखवाड़े की जारी रिपोर्ट के अनुसार रीवा जिले में इस अवधि में डायवर्सन के ऑनलाइन दर्ज 1109 प्रकरणों में से 907 का निराकरण करके 82 प्रतिशत उपलब्धि के साथ प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल किया। पटवारियों द्वारा स्वयं संज्ञान लेकर दर्ज किए गए डायवर्सन के प्रकरणों में भी रीवा जिला प्रदेश में पांचवे स्थान पर रहा। इसी तरह बैंकों द्वारा दिए गए भूमि बंधक के 585 आवेदन पत्र निराकृत करके रीवा जिले को इस अवधि में चौथा स्थान मिला।
1487 प्रकरणों का नामांतरण इस पखवाड़े में किया
खसरे में परिमार्जन के प्रकरणों के निराकरण में भी रीवा जिले को चौथा स्थान मिला। भूमि की बिक्री के बाद पंजीयक कार्यालय से संपदा पोर्टल से प्राप्त प्रकरणों में से रीवा जिले में 1487 प्रकरणों का नामांतरण इस पखवाड़े में किया गया। इसमें भी रीवा जिले को प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। इस अवधि में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 5259 आवेदन पत्रों में किसानों के आधार संख्या में सुधार कराके उन्हें किसान सम्मान निधि प्रदान की गई। कई राजस्व कार्यों के लिये शुल्क निर्धारित किया गया है। निर्धारित शुल्क के साथ दर्ज आवेदन पत्रों के निराकरण में भी रीवा जिले को प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।
Published on:
28 Sept 2020 02:31 pm
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