
Rewa TRS college is not getting admission, seat vacant in graduation
रीवा। उच्च शिक्षा विभाग के अनावश्यक नियम के चलते एक ओर जहां सैकड़ों छात्र प्रवेश से वंचित हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर टीआरएस कॉलेज में हजारों सीट खाली रह गई है। वजह प्रवेश में 60 फीसदी की अनिवार्यता है। इसे समाप्त करने की मांग को लेकर एनएसयूआइ का आंदोलन गुरुवार को भी जारी रहा।
1300 सीट अभी भी है खाली
टीआरएस कॉलेज में बची सीटों पर प्रवेश के लिए हायर सेकंड्री में 60 फीसदी की अनिवार्यता खत्म करने की मांग को लेकर छात्रों ने कॉलेज से लेकर कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली और धरना प्रदर्शन किया। छात्रों की दलील है कि 60 फीसदी अनिवार्यता के चलते तीन राउंड पूरा होने के बावजूद पांच हजार में करीब 13 सौ सीट खाली है। अंकों की निर्धारित बाध्यता को अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के अनुरूप ५५ फीसदी कर दिया जाए तो परेशान छात्रों को राहत मिले और खाली सीटें भी भर जाएं।
प्रदर्शन में यह छात्र रहे शामिल
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) के जिला अध्यक्ष अनूप सिंह चंदेल, प्रदेश सचिव मंजुल त्रिपाठ, छात्र संघ अध्यक्ष योगिता सिंह, सिद्धार्थ सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में छात्रों ने पहले कॉलेज और फिर कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्रसंघ की सहसचिव रूचि पाण्डेय, नेहा त्रिपाठी, काव्या सिंह बघेल, निशा दुबे, अतुल द्विवेदी, अजीत सिंह, आरके, रवि शर्मा, अखंड सिंह, विपिन तिवारी, अमित तिवारी, नीरज यादव, अभिषेक मिश्रा, नीतेश शर्मा, हर्षित सिंह, रमाकांत, संजू पटेल, रोहित कुशवाहा, स्माइल खान, निक्की, अमन मिश्रा, दौलत खान, अर्पित व अभिषेक तिवारी सहित अन्य छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं।
एडी को पहले ही सौंप चुके हैं ज्ञापन
छात्र इस मांग को लेकर उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक को पहले ही ज्ञापन सौंप चुके हैं। मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों से ज्ञापन के माध्यम से अंकों की बाध्यता समाप्त करने की मांग की है। हालांकि अभी उनकी मांगों के अनुरूप शासन स्तर से कोई निर्देश जारी नहीं हुआ है।
थाने में पहुंची शिकायत
मांगों को कॉलेज में छात्रों की ओर से किए जाने वाले धरना प्रदर्शन की सिविल लाइन थाने में शिकायत की गई है। नागरिक अधिकार समाज सेवा एवं भ्रष्टाचार उन्मूलन के आदर्श द्विवेदी, आदर्श दुबे, अनिकेत तिवारी, सुभाष त्रिवेदी व आकाश तिवारी सहित अन्य ने सामूहिक रूप से थाने में शिकायत कर कहा है कि एनएसयूआइ की ओर से दबाव बनाकर छात्रों को धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य किया जाता है। इससे न केवल कॉलेज में अनुशासन की धज्जियां उड़ती हैं। बल्कि कक्षाएं भी प्रभावित होती हैं। कॉलेज में धरना प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।
Published on:
02 Aug 2018 10:30 pm
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