
leave application viral in social media
रीवा. पुलिस का एक सिपाही जो दिन रात एक कर आमजन की हिफाजत में जुटा रहता है। आम आदमी के आराम के लिए वह सब कुछ न्योछावर कर देता है। बुजुर्ग माता-पिता हों या परिवार के अन्य सदस्य उनका विछोह उसे कभी-कभी सालता भी है लेकिन उन सब से मुख मोड़ कर वह ड्यूटी में लगा रहता है। क्या उसका मन नहीं करता होगा कि वह कुछ दिन के लिए अपने परिवार के साछ दिन बिताए। क्यों नहीं, लेकिन सिपाही को छुट्टी कहां।
ऐसे तमाम प्रकरण सामने आते रहते हैं। कई मामलों में अनहोनी भी सामने आई है। फिर भी पुलिस का जवान मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी करता रहता है। लेकिन कभी-कभी उसके सामने भी अजीब स्थिति आ जाती है। घर मां बीमार है मगर अवकाश नहीं मिलता। इन विपरीत परिस्थियों में भी वह मन को मार कर देश व समाज की सेवा में जुटा रहता है।
अब तमाम ऐसे लोग हैं जिन्हें अपने पालतू जानवरों से भी बे पनाह मोहब्बत हो जाती है। उनसे विछोह कभी-कभी भारी टीस देने लगता है। ऐसा ही कुछ रीवा के एक जवान के साथ हुआ। उस पालतू जानवर ने एक बच्चा जना तो जवान उसे देखने और जिस जानवर का दूध पी कर उसने अपना शरीर पुलिस के काबिल बनाया था उसकी सेवा करने का हुआ। सो उसने उच्चाधिकारियों को अवकाश के लिए एक अर्जी दी। अब वो अर्जी इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।
उस सिपाही ने अपने आवेदन में लिखा, "मां की तबियत खराब है, इसलिए उन्हें छुट्टी चाहिए। घर में एक भैंस है, जिसने अभी हाल ही में बच्चा जना है। भैंस की सेवा के लिए घर में कोई नहीं है। मैं बचपन से ही इसी भैंस का दूध पीता आआ हूं। इसी का दूध पीकर वो पुलिस भर्ती परीक्षा में शामिल हुए थे। इसलिए अब भैंस के दूध का कर्ज़ अदा करना है।"
बताया जा रहा है कि एसएएफ 9वीं बटालियन तैनात आरक्षक कुलदीप तोमर की मां लंबे समय से बीमार हैं। मां की देखभाल के लिए आरक्षक ने 10 दिन की छुट्टी मांगी थी। अब वह पत्र सोशल मीडिया पर काफी तेजी के साथ वायरल होने लगा है। इस पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि इस पत्र की जांच कराई जाएगी, ताकि यह पता चले कि यह पत्र कुलदीप ने ही लिखा था या नहीं। इस बीच कुलदीप खुद ऐसा कोई आवेदन करने की बात से इंकार कर रहा है।
Published on:
28 Jun 2020 04:22 pm
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