
Sriniwas tiwari died: Cremation and full details of former MP Speaker
रीवा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के पार्थिव शरीर को प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने रीवा स्थित अमहिया आवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। उनके साथ उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, विधानसभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल, पीसीसी अध्यक्ष अरूण यादव, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा सहित सैकड़ों जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। इसके बाद श्रीनिवास तिवारी की अंतिम यात्रा करीब 11 बजे गृह ग्राम तिवनी के लिए हुई रवाना हो गई है। जहां जगह-जगह श्रद्धांजलि देने वालों का लगा तांता लगा हुआ। पूरे विंध्य के नागरिक शोक में डूबे हुए है।
ताजा अपडेट
- 10 बजे सीएम शिवराज पहुंचे रीवा
- 10.30 बजे सीएम सतना के लिए रवाना
- 11 बजे तक अमहिया आवास में चली श्रद्धांजलि सभा
- विधायक जयवर्धन सिंह, जीतू पटवारी भी अंतिम यात्रा में हुए शामिल।
- 11.30 भारी भीड़ के साथ दादा का शव रीवा से तिवनी गांव के लिए रवाना।
- 12 बजे सीएम भोपाल के लिए हुए रवाना
- 12.20 में अंतिम यात्रा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल, पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव हुए शामिल।
- 12.30 बजे रहतरा हाइवे के किनारे समर्थकों की रही भारी भीड़।
- अमिरती गॉव में शव यात्रा का हुआ स्वागत
- श्रीयूत के लिए बनाई गई चिता।
- 2 बजे कांग्रेस कार्यालय मनगवां में पहुंची शव यात्रा
- 2.30 बजे मनगवां से निकलकर तिवनी पहुंची अंतिम यात्रा।
- 3 बजे दादा की अंतिम यात्रा गृह ग्राम तिवनी पहुंच गई है। यात्रा के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, विधायक जयवर्धन सिंह, जीतू पटवारी सहित अन्य दिग्गज नेता शामिल हैं।
- 3.30 बजे तक दादा के घर पहुंचा पार्थिव शरीर
- ग्रामीणों द्वारा दी जारही श्रद्धांजली
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के अंतिम दर्शन के लिए पूरा विंध्य सहित मध्यप्रदेश के लाखों कार्यकर्ता व समर्थक पहुंच गए है। बता दें कि, 93 वर्षीय तिवारी ने दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में शुक्रवार को अंतिम सांस ली।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी ‘दादा’ के अंतिम दर्शन करने सडक़ पर हुजूम उमड़ पड़ा। लोग फूल-माला लेकर इंतजार करते खड़े रहे। सतना से शाम चार बजे चली यात्रा बेला रात 7 बजे पहुंची। जगह-जगह लोग अंतिम दर्शन के लिए कतार लगाए हुए थे।
ढेकहा तिराहे पर भाजपा कार्यालय के सामने लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। जयस्तंभ से लेकर व्यंकट रोड में कई स्थानों पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। स्टेच्यू चौक, प्रकाश चौक, अस्पताल चौक होते हुए अमहिया स्थित आवास यात्रा पहुंची। रात करीब आठ बजे से शहर में अंतिम यात्रा जैसे ही प्रवेश हुई सडक़ के दोनों ओर भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।
पार्थिव शरीर के साथ समर्थकों के वाहनों का लंबा काफिला भी था। सडक़ों पर फूल ही फूल नजर आ रहे आ रहे थे। सडक़ पर उमड़े लोगों में किसी एक दल या विचारधारा के नहीं बल्कि शहर का बड़ा हिस्सा ही सडक़ पर नजर आ रहा था। रात दस बजे अमहिया में पार्थिव शरीर को रखा गया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत साढ़े नौ बजे सतना आना था और दोपहर रीवा पहुंचना था, इस कारण गांवों से लोग पहुंच गए थे। कुछ तो सतना भी
पहुंचे थे।
श्रीनिवास तिवारी तीन दिन पहले उपचार के लिए दिल्ली ले जाया गया था। तिवारी का पार्थिव शरीर शनिवार की दोपहर 2 बजे दिल्ली से विशेष विमान से चलकर 4 बजे सतना पहुंचा है। सतना हवाई पट्टी पर श्रीनिवास तिवारी के अंतिम दर्शन के लिए हजारों समर्थकों का हुजूम टूट पड़ा। आनन-फानन में प्रशासन को समर्थकों की लाइन लगानी पड़ी। तब कहीं जाकर हालत सामान्य हुए। शव यात्रा सतना से 4.30 बजे बेला सड़क मार्ग होते हुए ढेकहा, जयस्तंभ, स्टेच्यू चौक होते हुए अमहिया में रखा जाएगा।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की अंतिम यात्रा रविवार को सुबह 11 बजे अमहिया से गृहग्राम तिवनी (मनगवां) के लिए निकलेगी। श्रद्धांजलि देने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई प्रमुख लोग आएंगे। सीएम आज सुबह 9 बजे सतना पहुंचेंगे। वहां से हेलीकॉप्टर से रीवा आएंगे। अमहिया स्थित तिवारी के आवास पर श्रद्धांजलि देंगे। विस उपाध्यक्ष डॉ.राजेन्द्र कुमार सिंह सुबह नौ बजे रेवांचल एक्सप्रेस से रीवा आएंगे और तिवनी में अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल सुबह सतना पहुंचेंगे और सडक़ मार्ग से रीवा आकर श्रद्धांजलि देंगे। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा विशेष विमान से सतना आएंगे और वहां से सडक़ मार्ग से पहुंचेंगे। इसके अलावा कांग्रेस के विधायक, पूर्व मंत्री सहित अन्य नेता शामिल होंगे। गृहग्राम तिवनी में भी व्यवस्थाएं की गई हैं।
सात दशक का रहा सियासी सफर
विंध्य के दिग्गज नेता रहे तिवारी का सात दशक तक का सियासी सफर चर्चित रहा। तिवारी सन् 1952 में प्रदेश के सबसे कम उम्र के विधायक चुने गए थे। इसके बाद से मध्यप्रदेश सरकार में कई विभागों के मंत्री रहने के साथ ही 1990 में डिप्टी स्पीकर बने। 1993 से २2003 तक विधानसभा अध्यक्ष रहे। पुत्र सुंदरलाल तिवारी गुढ़ से कांग्रेस के विधायक हैं।
इन जिलों से पहुंचे कार्यकर्ता
तिवारी के निधन की खबर मिलते ही पूरा विंध्य क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है। उनके रीवा स्थित घर सहित सतना हवाई पट्टी पर लाखों कार्यकर्ता पहुंच चुके है। इसमें रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, डिंडोरी, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, सागर सहित कटनी, जबलुपर के समर्थकों को तांता लगा हुआ है। प्रशासन ने सुरक्षा-व्यवस्था के तगड़े इंतजाम किए हुए है।
कल सीएम शिवराज सिंह चौहान पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर रीवा के गृह ग्राम तिवनी आएंगे। इसके लिए मनगवा हायर सेकडंरी ग्राउंड में पीडब्लूडी ने हेलीपैड बनवाया।
राजनीति के 'पंडित' थे श्रीयुत
- चुनाव नहीं लडऩे की उम्र में चुनाव लड़े और जीता, मामला हाई कोर्ट पहुंचा जहां कुंडली लगाकर उम्र साबित की।
- पहले चुनाव में विंध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष यादवेंद्र सिंह से लड़े, वह जीतते तो सीएम होते। उन्हीं से राजनीतिक सीख चुनाव के समय भी लेते रहे।
- स्वास्थ्य मंत्री रहते शिक्षा विभाग की फाइल में हस्ताक्षर कर दिया। सवाल उठा तो बोले कैबिनेट मंत्री की शपथ ली है, किसी एक विभाग की नहीं।
- मुख्यमंत्री रहे अर्जुन सिंह के खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा कि वह भी मंत्री की तरह विधायक हैं, सब कुछ नहीं हो सकते।
- विधानसभा अध्यक्ष रहते कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी भी रहे, कहा कि पार्टी की वजह से विधायक बना और विधानसभा अध्यक्ष। ऐसा करने वाले इकलौता विधानसभा अध्यक्ष रहे।
- देश में पहली बार विधानसभा के भीतर मुख्यमंत्री प्रहर कार्यक्रम शुरू किया, जिसमें सीएम को अनिवार्यरूप से जवाब देना होता था।
- दस वर्ष के विधानसभा अध्यक्ष कार्यकाल में विधायक डॉ. सुनीलम के अलावा किसी पर मार्शल का उपयोग नहीं किया।
चर्चा में रहे तिवारी के यह बयान
- विंध्य प्रदेश की जनता का मौलिक अधिकार है कि वह अपने भाग्य का निर्णय कर सकें।
- अर्जुन सिंह से मतभेद था, मनभेद नहीं।
- जवानी उम्र से नहीं भावनाओं से आंकी जाती है।
- हमारी सहमति से प्रत्याशी चयन नहीं तो उसके लिए वोट नहीं मांग सकता।
- राजीव गांधी की सिरमौर चौराहे की प्रतिमा को तोड़ा तो अपने दीनदयाल को नहीं बचा पाएगी भाजपा।
- हां प्रदेश में कांग्रेस की समानांतर अमहिया सरकार है और मैं उसका सीएम हूं।
- तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि भाजपा सरकार से मिली भगत से काम कर रहे कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष।
वीडियो में देखें क्या संदेश दिया था श्रीनिवास ने अपने प्रशंसकों को
श्रीनिवास बीते कुछ वर्षों से अस्वस्थता के चलते सियासत में हासिए पर जरूर थे, पर उनकी मौजूदगी ही प्रदेशभर में समर्थकों की ऊर्जा थी। सच कहा जाए तो, प्रदेश विधानसभा में अध्यक्ष की भूमिका, सदन और सरकार पर नियंत्रण का पाठ उन्होंने ही पढ़ाया। दबंग आवाज के धनी ‘दादा’ की यादें सदन से लेकर रीवा शहर तक अविस्मृत होंगी। आएये हम आपको बताते हैं कि उन्होंने एक जनवरी 2018 को आखिरी प्रेस कांफ्रेंस में विंध्य के लोगों को क्या संदेश दिया था।
सफरनामा
- जन्म-17 सितंबर 1926
- जन्म स्थान- ग्राम शाहपुर ननिहाल
- गृहग्राम- तिवनी
- माता- कौशल्या देवी
- पिता- पं. मंगलदीन तिवारी
- प्रारंभिक शिक्षा- तिवनी, मनगवां एवं मार्तंड स्कूल रीवा
- उच्च शिक्षा- एमए, एलएलबी, टीआरएस कालेज रीवा
- राजनीति में प्रवेश: छात्र जीवन से ही स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी, सामंतवाद के विरोध मेंं कार्य
- विधायक : 1952, 1957, 1972 से 1985, 1990 से 2003 तक लगातार
- प्रदेश सरकार में मंत्री : 1980
- विस उपाध्यक्ष: 23-3-90 से 15-12-92
- अध्यक्ष विधानसभा: 1993 से 2003 तक
- उपलब्धियां : राजनीति, समाजसेवा, प्रशासन एवं साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य
Updated on:
21 Jan 2018 03:49 pm
Published on:
20 Jan 2018 02:17 pm
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