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प्रदेश के इस विश्वविद्यालय में बड़ा बवाल, मनमानी के विरोध में छात्र भी आए सामने

अतिथि विद्वानों की नियुक्ति....

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रीवा

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Ajit Shukla

Oct 04, 2018

Student Objection in Appointment Process of Guest Faculty in Rewa APSU

Student Objection in Appointment Process of Guest Faculty in Rewa APSU

रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में अतिथि विद्वानों के नियुक्ति की प्रक्रिया विवादों में फंस गई है। विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर की जा रही नियुक्ति प्रक्रिया को स्थगित करते हुए किए गए विज्ञापन को निरस्त किए जाने की मांग की गई है। विज्ञापन निरस्त करने की मांग विश्वविद्यालय के छात्रसंघ पदाधिकारियों ने की है। उनकी ओर से इसके पीछे तर्क भी दिया गया है।

कुलपति को छात्रसंघ पदाधिकारियों ने सौंपा ज्ञापन
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केएन सिंह यादव को छात्रसंघ उपाध्यक्ष वेदवती तिवारी के नेतृत्व में छात्रों ने ज्ञापन सौंपा है। इसके जरिए उपाध्यक्ष ने कहा, कई विभागों में पद रिक्त होने के बावजूद विज्ञापन ही नहीं किया गया है, जबकि कई में अतिथि विद्वान अध्यापन कार्य कर रहे हैं। इसके बावजूद अतिरिक्त अतिथि विद्वानों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन में पद घोषित किए गए हैं। इससे नियुक्ति प्रक्रिया विषमता और विसंगतिपूर्ण है। नियुक्ति के बावत जारी विज्ञापन पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों ने भी आपत्ति जाहिर की है।

केवल कुछ पदों पर शुरू हुई नियुक्ति
विश्वविद्यालय प्रशासन विभिन्न विभागों में उन पदों पर अतिथि विद्वानों की नियुक्ति कर रहा है, जिन पदों पर पूर्व से पदस्थ अतिथि विद्वान व विजिटिंग प्रोफेसर छोडक़र चले गए हैं। कार्यपरिषद की ओर से लिए गए निर्णय के अनुरूप केवल ऐसे की पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। जिसे छात्रसंघ पदाधिकारी व एबीवीपी कार्यकर्ता विसंगतिपूर्ण बता रहे हैं।

कुलपति को सौंपे गए ज्ञापन में दिया यह तर्क
- सभी नए पाठ्यक्रमों के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से विज्ञापन नहीं किया गया है। विज्ञापन में केवल दो पाठ्यक्रम शामिल हैं।
- बीबीए (टूरिज्म) में पूर्व में चयनित अतिथि विद्वानों को पर्याप्त कक्षाएं दे दी जाती तो नई नियुक्ति की आवश्यकता नहीं है।
- बीए एलएलबी में केवल तीन पदों पर विज्ञापन किया गया है, जबकि एमपीपीएससी में चयन के बाद कई पद खाली हो गए हैं।
- बीएससी गणित में भी पद खाली होने के बावजूद विज्ञापन में पदों की घोषणा नहीं की गई है।
- प्राचीन इतिहास में पूर्व में रिक्त तीन पदों में केवल दो नियुक्तियां की गई। एक पद खाली होने के बावजूद विज्ञापन नहीं किया गया।