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शिष्यों के लिए गुरू ने लिया देहदान का संकल्प

आयुर्वेद डॉक्टर ने श्यामशाह मेडिकल कॉलेज में भरा संकल्प पत्र

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रीवा

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Dilip Patel

Aug 09, 2018

The Guru took the resolve to give body donation to disciples

The Guru took the resolve to give body donation to disciples

रीवा। मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र मानव शरीर की संरचनाओं के गूढ़ रहस्यों को समझ सकें। पढ़कर अच्छे डॉक्टर बन सकें। इसके लिए आयुर्वेद डॉक्टर सुदामा प्रसाद चौधरी ने देहदान की घोषणा की है।


बुधवार को श्यामशाह मेडिकल कॉलेज पहुंचकर डॉ. सुदामा प्रसाद चौधरी ने देहदान के संकल्प पत्र भरने की सभी औपचारिकताएं पूरी की। उन्होंने यह कदम पत्नी सावित्री चौधरी सहित दो पुत्र और दो पुत्रियों की सहमति से उठाया है। इस कदम से समाज को संदेश देने का काम किया है कि मृत्यु के बाद यह शरीर मिट्टी का है और अगर इसे दान कर दिया जाए तो मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए यह वरदान साबित होगा। मृतदेह पर प्रैक्टिकल कर अच्छे डॉक्टर निकलेंगे जो अच्छा इलाज कर लाखों की जान बचाएंगे।

40 साल की सिंगरौली मेें सेवा
डॉ. सुदामा आयुर्वेद के अच्छे डॉक्टरों में शुमार किए जाते हैं। तहसील रायपुर कचुॢलयान के कुइंया खुर्द के रहने वाले हैं। उन्होंने जीवन के महत्वपूर्ण दिन सिंगरौली जिले में बिताए हैं। करीब 40 साल यहां पर डॉक्टरी पेशे से लोगों का जीवन बचाने का काम किया है। वेदों की जानकारी रखते हैं और समाजसेवा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। अब वह रीवा में समय व्यतीत कर रहे हैं। सेवानिवृत्त के बाद डॉक्टरी पेशे के साथ घर की खेती-किसानी संभाल रहे है।

हर व्यक्ति दिखाए जिज्ञासा
देहदान की नितांत आवश्यकता है। श्यामशाह मेडिकल कॉलेज में सौ छात्र प्रथम वर्ष में प्रवेश लेते हैं। कुछ दिन बाद डेढ़ सौ हो जाएंगे। कम से कम इतने छात्रों के लिए 15 मृतदेह होनी चाहिए। लेकिन सालभर में एक देहदान हो जाए तो बहुत बड़ी बात है। एक साल पहले हालात ये हो गए थे कि इंदौर मेडिकल कॉलेज से मृतदेह लेने पड़े थे। डॉ. सुदामा कहते हैं कि इसीलिए जरूरी है कि हर व्यक्ति देहदान के बारे में एक बार जरूर सोचें।