
रीवा. आदिम जाति कल्याण विभाग कार्यालय में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति बस्तियों के साथ हॉस्टल व आश्रम शालाओं के विकास कार्य में फिक्सिंग की तैयारी है। तभी तो कार्य योजना समिति की बगैर बैठक सदस्यों के अनुमोदन के लिए तीन करोड़ रुपए से ज्यादा की फाइल हाथो-हाथ घूम रही है। कार्य योजना समिति में शामिल आरक्षित विधानसभा मनगवां के विधायक ने फाइल का अनुमोदन करने के लिए पहली बार लौटा दिया। दोबारा तत्कालीन कलेक्टर के हस्तक्षेप पर यह कहते हुए हस्ताक्षर दिया कि विकास प्रभावित न हो, अगली बार बैठक करने के बाद ही प्रक्रिया पूरी की जाए।
विधायक ने पहले लौटया, कलेक्टर के हस्तक्षेप पर किया अनुमोदन
आदिम जाति कल्याण विभाग में अनुसूचित जाति एवं जनजाति बस्तियों के विकास की राशि में मनमानी तरीके से करोड़ों रुपए खर्च करने की तैयारी चल रही है। शासन से स्वीकृत करीब तीन करोड़ रुपए की कार्य योजना मनमानी तरीके से तैयार कर ली है। बगैर कार्य योजना समिति की बैठक आयोजित किए विभिन्न कार्यों की करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए के विकास कार्यो की फाइल तैयार की गई है। अनुमोदन के लिए प्रभारी जिला संयोजक संतोष कुमार ङ्क्षसह तिवारी मनगवां विधायक पंचूलाल से मिले। विधायक ने प्रस्तावों का जिक्र करते हुए कहा, ऐसे कैसे अनुमोदन कर दूं, मनमानी के प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। फाइल पर ऐसे दस्तखत नहीं करेंगे। इस संबंध में पहले कलेक्टर से चर्चा करेंगे। विधायक ने दो बार फाइल को वापस कर दिया। बताया गया कि पहली बार प्रभारी जिला संयोजक स्वयं फाइल लेकर पहुंचे थे। दूसरी बार ५ दिसंबर को आजाक कार्यालय के एक अन्य बाबू को भेजा गया। दूसरी बार भी मनगवां विधायक ने फाइल पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिए। बाद में विधायक ने तत्कालीन कलेक्टर से चर्चा करने के बाद हस्ताक्षर कर दिया।
विकास प्रभावित होता इस लिए कर दिया अनुमोदन
विधायक ने पत्रिका से मोबाइल पर बातचीत के दौरान बताया कि आदिम जाति कल्याण विभाग कार्यालय ने मनमानी तरीके से प्रस्ताव तैयार कर लिया है। कार्य योजना समिति की बैठक में प्रस्ताव शामिल होते। विधायक ने कहा, कलेक्टर से चर्चा करने के बाद इसलिए अनुमोदन कर दिया कि विकास कार्यो पर बजट खर्च करने के लिए मार्च तक समय है। विधायक के पास फाइल लेकर अनुमोदन कराने पहुंचे लोगों ने यह भी जानकारी दी थी कि तत्कालीन कलेक्टर, जिपं सीइओ, पीडब्ल्यूडी और एपमीइबी के अधिकारियों ने अनुमोदन कर दिया है। आप के अनुमोदन के बाद फाइल जिले के प्रभारी मंत्री के पास भेजी जाएगी।
प्रभारी डीइओ ने 9 दिसंबर को कथित ठेकेदारों को सौंपी फाइल
आदिम जाति कल्याण विभाग कार्यालय में सरकारी रेकार्ड भी सुरक्षित नहीं हैं। कार्यालय सूत्रों के अनुसार बगैर कार्य योजना समिति की बैठक निर्माण कार्यों की तैयार की गई फाइल को जिले के प्रभारी मंत्री और विधायक से अनुमोदन कराने के लिए 9 दिसंबर को कथित ठेकेदार संतोष कुमार और अखिलेश तिवारी के हाथ में फाइल पकड़ा दी। जिससे तीन करोड़ रुपए के निर्माण कार्य की फाइल का अनुमोदन हो जाए।
यह है नियम
शासन से स्वीकृत राशि को खर्च करने के लिए कार्य योजना समिति के सदस्यों की बैठक आयोजित कर समिति के सदस्यों एवं क्षेत्र के विधायकों के साथ संयुक्त बैठककर प्रस्तावों पर चर्चा करने के बाद जिले के प्रभारी मंत्री, एससी-एसटी वर्ग के विधायक, कलेक्टर, पीडब्ल्यूडी, एमपीइबी के कार्यपालन यंत्री सहित अन्य सदस्यों का हस्ताक्षर होना आश्वयक है।
वर्जन...
हां यह सही है कि बगैर कार्य योजना समिति की बैठक किए लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपए के निर्माण कार्य की फाइल लेकर आए थे। तत्कालीन कलेक्टर से चर्चा करने के बाद अनुमोदन कर दिया है। अनुमोदन इसलिए कर दिया कि विकास कार्य पिछड़े नहीं सही समय से कार्य हो जाएं।
पंचूलान प्रजापति, विधायक, मनगवां
वर्जन...
अनुमोदन की प्रक्रिया चल रही है। कार्य योजना समिति की बैठक कब हुई तिथि याद नहीं है। फिलहाल अभी मैं अस्थिकलश लेकर प्रयागराज आया हूं। इसकी जानकारी फाइल देखने के बाद ही बता सकेंगे।
संतोष कुमार तिवारी, प्रभारी जिला संयोजक
Published on:
23 Dec 2019 04:00 pm
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