
Under the RTE rule, admission to private schools will be free
रीवा। निजी स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश को लेकर देर से ही सही शासन स्तर के अधिकारियों की नींद टूट गई है। प्रवेश के बावत स्थानीय स्तर के शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। हालांकि अभी एक महीने तक केवल प्रवेश को लेकर तैयारी चलेगी। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के लिए बाद में तिथि घोषित की जाएगी।
तैयार करना होगा पात्र स्कूलों की सूची
स्कूल शिक्षा विभाग ने नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत भले ही अप्रैल से ही कर दिया है। लेकिन शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत नि:शुल्क प्रवेश की प्रक्रिया अब जाकर शुरू की जा रही है। शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बावजूद नि:शुल्क प्रवेश की प्रक्रिया शुरू नहीं होने से अभिभावकों के माथे पर बल पडऩे लगा है। निर्देश के अनुरूप शिक्षा अधिकारियों ने पात्र स्कूलों की सूची तैयार करना शुरू कर दिया है।
25 फीसदी सीट रहती है आरक्षित
शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्रत्येक स्कूलों में प्रथम कक्षा की निर्धारित कुल सीट के सापेक्ष 25 फीसदी सीट नि:शुल्क प्रवेश के लिए आरक्षित रहती है। इन सीटों पर उन अभिभावकों को लॉटरी सिस्टम से प्रवेश दिया जाता है, जो निर्धारित शर्तों को पूरा करते हैं।
25 मई के बाद घोषित होगी रिक्त सीट
विभाग की ओर से जारी निर्देशों के अनुरूप 21 मई तक प्रत्येक स्कूल में सीटों की संख्या का तय की जाएगी। सत्यापन के जरिए सीट का आंकलन करने के बाद बीआरसीसी की ओर से 25 मई तक सीटों की ऑनलाइन फीडिंग कर लॉक किया जाएगा। आगे की प्रक्रिया के लिए बाद तिथि घोषित की जाएगी।
लॉटरी सिस्टम से होगा चयन
नि:शुल्क प्रवेश के लिए छात्रों का चयन ऑनलाइन आवेदन के बाद लॉटरी सिस्टम से होगा। शासन स्तर से चयनित छात्रों के नाम घोषित किए जाएंगे। चयनित छात्रों का पहले बीआरसीसी की ओर से सत्यापन होगा। उसके बाद प्रवेश के लिए उन्हें पात्र घोषित किया जाएगा। पात्र घोषित होने पर छात्र प्रवेश ले सकेंगे।
नि:शुल्क प्रवेश की पात्रता
- अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति
- विमुक्त जाति व वनभूमि के पट्टाधारी परिवार
- 40 फीसदी से अधिक नि:शक्तता वाले बच्चे
- गरीबी रेखा के नीचे वाले परिवार के बच्चे
Published on:
07 May 2018 05:29 pm
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