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मौसम पर सटीक बैठ रही यह कहावत, आषाण महीने में क्वार जैसी बारिश, बोवनी की आस अधूरी

किसान हो रहे परेशान...

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रीवा

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Ajit Shukla

Jul 13, 2018

Unlike forecast of weather, one fourth of rain so far in Rewa

Unlike forecast of weather, one fourth of rain so far in Rewa

रीवा। आषाण महीने में जब झमाझम बारिश की उम्मीद की जा रही है। उस स्थिति में बादल क्वार के महीने जैसी रिमझिम व छिटपुट बारिश कर रास्ता बदल दे रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों के पूर्वानुमान के विपरीत पिछले तीन दिनों से यहां जिले में कुछ ऐसी ही बारिश देखने को मिल रही है।

यह कही गई है कहावत
झमाझम बारिश की बेला में बादलों का रुख क्वार के महीने जैसा है। एक पुरानी कहावत में कहा गया है कि ‘थोथे बादल क्वार के बिन बरसे घहरात...’। वर्तमान बादलों की स्थिति बिल्कुल कहावत सरीके है। पिछले दो दिनों की तरह गुरुवार को भी पूरे दिन बादलों की लुकाछिपी चलती रही।

रिमझिम बारिश कर निकल गए बादल
कभी धूप तो कभी छांव की स्थिति देखी गई। शाम को करीब साढ़े चार बजे बारिश शुरू तो हुई। लेकिन बादलों की दरियादिली केवल रिमझिम फुहार तक सीमित रही। जबकि किसानों को झमाझम बारिश की चाहत और उम्मीद लिए बैठे हैं। क्योंकि जब तक झमाझम बारिश नहीं होती है। किसानों की ओर से फसल की बोवनी कर पाना संभव नहीं है।

वैज्ञानिक दे रहे जबरदस्त बारिश की चेतावनी
एक ओर जहां जिले में किसान बोवनी के लिए जरूरत भर बारिश को तरस रहे हैं। वहीं दूसरी ओर मौसम विभाग में रीवा सहित अन्य दूसरे जिलों में जबरदस्त बारिश की संभावना बता रहा है। विभाग के वैज्ञानिकों का पूर्वानुमान कितना सटीक बैठता है। यह तो समय बताएगा लेकिन किसानों की दुआ यही है कि मौसम विभाग का पूर्वानुमान सही साबित हो।

पिछले वर्ष की तुलना में एक चौथाई बारिश
भू-अभिलेख विभाग की ओर से एकत्र आंकड़ों की माने तो जिले में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार करीब एक चौथाई बारिश हुई है। इस बार एक जून से लेकर अब तक 104 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। जबकि पिछले वर्ष अब तक 399 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। वैज्ञानिक इसे अल्प बारिश मान रहे हैं।