
white tiger gopi died in mukundpur zoo, respiratory failure tiger
रीवा। महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर मुकुंदपुर में सफेद बाघ गोपी की मौत हो गई है। मौत से कुछ समय पहले तक वह पूरी तरह से स्वस्थ था। अचानक हुई मौत की वजह जानने के लिए जबलपुर से विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई थी। स्कूल आफ वाइल्ड लाइफ फोरेंसिक एण्ड हेल्थ वेटरनरी विश्वविद्यालय जबलपुर, वेटरनरी कालेज रीवा, संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं और चिडिय़ाघर के विशेषज्ञ चिकित्सक के साथ सात विशेषज्ञों की टीम ने बाघ का पोस्टमार्टम किया। जिसमें प्रथम दृष्टया बताया गया है कि रेस्पिरेटरी फेल्योर की वजह से मौत हुई है।
चिडिय़ाघर प्रबंधन के मुताबिक एक दिन पहले ही सुबह दस बजे सफेद बाघ गोपी को बाड़े में छोड़ा गया था। जिसे पर्यटकों ने देखा। दोपहर करीब तीन बजे वह बाड़े में ही किनारे लेट गया था, कुछ देर तक कोई हरकत नहीं होने पर केयर टेकर ने देखा तो उसके शरीर में कंपन हो रहा था। तत्काल चिकित्सकों को बुलाया गया, उसे वहां से निकालकर रेस्क्यू सेंटर ले जाया गया। जहां पर वह मृत हो गया।
बताया गया है कि सुबह जब उसे बाड़े में छोड़ा गया तो उसे खांसी और उल्टी हुई थी। यह सामान्य घटनाक्रम था, इसके पहले भी कई बार ऐसा होता रहा है। पोस्टमार्टम में चिकित्सकों ने पाया है कि फेफड़े में पानी चला गया था, जिसकी वजह से वह ठीक से सांस नहीं ले पा रहा था। इसे ही प्रथम दृष्टया मौत की वजह माना जा रहा है। मौत की विस्तृत जांच के लिए सेंपल एकत्र किए गए हैं, इसका परीक्षण जबलपुर के वेटरनरी विश्वविद्यालय में होगा।
बाघ का निर्धारित प्रोटोकाल के साथ अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है। गोपी की यह मौत चिडिय़ाघर प्रबंधन को बड़ा झटका है, इसके पहले भी कई बाघों की मौत हो चुकी है। कुछ महीने पहले ही लायन की करीब सात महीने की शावक देविका की भी इसी तरह स्वस्थ रहते मौत हो गई थी।
- ढाई साल पहले भिलाई से लाया गया था
सफेद बाघ गोपी को छह अप्रेल 2018 को भिलाई के मैत्रीबाग चिडिय़ाघर से मुकुंदपुर लाया गया था। इसकी आयु उस दौरान करीब दो वर्ष की थी। साथ में सोनम नाम की बाघिन भी लाई गई थी। भिलाई से दो नर और दो मादा सफेद बाघों को लाया गया था। जिसमें एक मादा की पहले ही बाघ के हमले में मौत हो चुकी है। वर्तमान में रघु नाम का एक नर सफेद बाघ चिडिय़ाघर में बचा है। साथ में दो सफेद बाघिन भी हैं।
-
विंध्या की भी हालत ठीक नहीं
मुकुंदपुर ह्वाइट टाइगर सफारी में छोड़ी गई सफेद बाघिन विंध्या की भी हालत ठीक नहीं है। उसकी आयु करीब 15 वर्ष के पार हो गई है जो बाघों की सामान्य आयु पूरी होने का समय है। सफारी में वह अब काफी धीरे चलती है और एक जगह पर बैठ जाती है तो जल्दी उठती भी नहीं। पर्यटकों को कई बार सड़क किनारे बैठे होने की वजह से पूरे दिन दिखाई देती है, कई बार झाडिय़ों के बीच बैठने की वजह से लोग नहीं देख पाते हैं। ठंड बढऩे के चलते उसके स्वास्थ्य की विशेष निगरानी की जा रही है।
--
पोस्टमार्टम के दौरान ये रहे मौजूद
सफेद बाघ गोपी के पोस्टमार्टम के दौरान सामाजिक वानिकी के सीसीएफ राजीव मिश्रा, सतना डीएफओ राजीव राय, वन्यप्राणी विशेषज्ञ डॉ. एबी श्रीवास्तव, डॉ. तैयब शेख, डॉ. जेपी त्रिपाठी, डॉ. शैलेन्द्र सिंह, डॉ. योगेश चतुर, डॉ. निधि राजपूत, डॉ. माधवी धैर्यकर, चिडिय़ाघर के संचालक संजय रायखेड़े, क्यूरेटर नीतेश गंगेले आदि मौजूद रहे।
---
मुकुंदपुर चिडिय़ाघर में बाघों की मौत पर एक नजर
- 22 अप्रेल 2020 को दुर्गा नाम की बाघिन की मौत।
- 16 मई 2020 को बांधवगढ़ से आए बंधु नाम के बाघ की मौत।
- 19 जून 2020 को लायन की शावक देविका की मौत।
- 23 दिसंबर 2020 को सफेद बाघ गोपी की मौत।
--------------
Published on:
25 Dec 2020 04:34 pm
बड़ी खबरें
View Allरीवा
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
