750 मेगावॉट के अल्ट्रामेगा सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना रीवा जिले के बदवार पहाड़ पर हुई है। यह भूमि पूरी तरह से पथरीली है, इसका कृषि या अन्य उपयोग नहीं था। साथ ही नेशनल हाइवे से लगी भूमि पर बनाया गया है। भारत में सोलर एनर्जी का यह पहला प्रोजेक्ट है, जिसमें एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश को बिजली भेजी जाएगी। अब तक जितने भी प्लांट रहे हैं उनकी बिजली का उपयोग स्थानीय स्तर तक ही सीमित रहा है। प्लांट का भौगोलिक वातावरण भी ऐसा है कि सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक यहां पर्याप्त मात्रा में प्रकाश रहता है।
देश में सोलर एनर्जी का यह ऐसा पहला पॉवर प्लांट जहां सबसे कम दर पर बिजली का उत्पादन होगा। २.९७ रुपए प्रति यूनिट की दर से यहां उत्पादन हो रहा है। अन्य प्लांट इससे महंगे दर पर बिजली बना रहे हैं। दुनिया के अन्य कई देशों की भारतीय मुद्रा में दर इससे अधिक बताई जा रही है।
750 मेगावॉट क्षमता वाले इस प्लांट को तीन इकाइयों में स्थापित किया गया है। हर इकाई के बिजली उत्पादन की क्षमता 250 मेगावॉट की हैं। यहां से 99 मेगावॉट बिजली दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन को भेजी जाएगी।
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दुनिया में मिलेगी पहचान
सेकंड ग्लोबल इंवेस्टमेंट मीट तीन से पांच अक्टूबर के बीच नोएडा में तय किया गया है। यहां पर रीवा के सोलर पॉवर प्लांट का प्रजेंटेशन होना है। इसकी सूचना आई है, डाक्यूमेंट्री बनाने के लिए दो विशेषज्ञ अपनी टीम के साथ आएंगे। इससे इंटरनेशनल लेवल पर प्लांट को पहचान मिलेगी।
एसएस गौतम, जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी