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25 ब्लैक स्पॉट पर जान का जोखिम उठा रहे लोग

हादसों के हाईवे पुलिस ने स्पॉॅट सर्वे किया, दो माह में प्रशासन नहीं कर पाया वेरिफिकेशन। राष्ट्रीय राजमार्ग, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों में को-आर्डीनेशन की कमी बताई जा रही है।

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Khandwa Online

Oct 29, 2015

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सागर।नेशनल-स्टेट हाईवे पर दुर्घटनाओं का ग्राफ लगातार उछाल मार रहा है। वाहन चालक पांच हाईवे के 25 ब्लैक स्पॉट पर जान का जोखिम उठा रहे हैं। हादसों के बढ़ते आंकड़े से चिंतित पुलिस ने नेशनल और स्टेट हाईवे के उन हिस्सों को ब्लैक स्पॉट चिन्हित किया है जहां लोग जान गवां रहे हैं।

विभागों में को-ओर्डीनेशन की कमी
दुर्घटना संभावित क्षेत्रों को चिन्हित तो लिया गया है लेकिन हाईवे की तकनीकी खामियों को सुधारने की कार्ययोजना पर काम अब तक शुरू नहीं हो सका है। इसकी वजह राष्ट्रीय राजमार्ग, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों में को-आर्डीनेशन की कमी बताई जा रही है जिससे लोगों को मजबूरीवश खतरों का सफर करना पड़ रहा है।

थाना क्षेत्रों में बांटे ब्लैक स्पॉट
जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर थाना क्षेत्रों से गुजरे हाईवे पर दुर्घटनाओं की संख्या को आधार बनाकर सर्वे कराया गया था। ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने की जानकारी दो माह पहले सर्वे की रिपोर्ट द्वारा मुख्यालय पहुंची लेकिन यह भी फाइलों तक ही सीमित रह गई है।अधिकारी अपनी व्यस्तता और दूसरे विभागों के सामंजस्य की कमी से शांत बैठे हैं।


ये हैं सड़क सुरक्षा के उपाय
नेशनल और स्टेट हाईवे पर एेसे सभी स्थान जहां लगातार सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान जा रही है वहां टर्निंग पाइंटों की चौड़ाई बढ़ाना, क्रासिंग पर कर्व और अंधे मोड पर रेडियम संकेतक और डिवाइडर्स का निर्माण कराया जा सकता है। तकनीकी एक्सपर्ट की राय से इन सुरक्षा उपायों को बिना विलम्ब क्रियान्वयन में लिया जाना चाहिए।

तकनीकी टीम कर रही सर्वे
जिले की सड़कों पर दुर्घटना संभावित स्थलों को थाना स्तर पर चिन्हित करने के बाद अब तकनीकी टीम इन स्थानों पर सुधार के लिए सर्वे कर रही है।

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