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देश के लिए कुछ करना चाहते थे आदित्य, इसलिए भाभा में बने थे जूनियर साइंटिस्ट, सड़क हादसे में मौत

आइआइटी मुंबई से एमटेक करने के बाद निजी कंपनियों में लाखों रुपए के पैकेज का था आफर, लेकिन नहीं की नौकरी

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Aditya wanted to do something for the country, hence became a junior scientist in Bhabha

आदित्य श्रीवास्तव

बीना. नगर के आदित्य श्रीवास्तव (28), जिनका चयन पिछले वर्ष भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र में हुआ था और वह कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र तमिलनाडु में जूनियर साइंटिस्ट के पद कार्य कर रहे थे और देश के लिए कुछ कर दिखाने का सपना था, लेकिन 26 अगस्त की रात रामेश्वरम में हुए सड़क हादसे में उनका दु:खद निधन हो गया।
परिवार के लोगों को जब यह सूचना मिली, तो उनके ऊपर दु:खों का पहाड़ टूट गया। परिवार के लोग आदित्य का शव फ्लाइट से भोपाल लाए और फिर एंबुलेंस से बीना लगा गया। बुधवार की दोपहर ईटावा मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया। आदित्य के पिता केके श्रीवास्तव रेलवे से सेवानिवृत्त हुए हैं और मां शासकीय स्कूल बेलई में शिक्षक हैं। छोटा भाई अपूर्व श्रीवास्तव इंदौर से गेट, आइइएस की तैयारी कर रहा है। साथ ही उसका सपना भी भाई की तरह देश सेवा का है।

इसरो, डीआरडीओ, भाभा जाना था सपना
आदित्य के मित्र निदान जैन ने बताया कि आदित्य बहुत ही होनहार थे और उन्होंने आइआइटी मुंबई से एमटेक किया था, गेट भी निकाल लिया था और इसके बाद लाखों रुपए के पैकेज की निजी कंपनियों में नौकरी के लिए ऑफर आए थे, लेकिन आदित्य का सपना इसरो, डीआरडीओ और भाभा में जाने का था। क्योंकि देश के लिए वह कुछ करना चाहते थे। भाभा का एग्जाम क्लीयर कर जूनियर साइंटिस्ट के पद पर नियुक्ति मिली थी। वर्ष 2023 की शुरुआत में नौकरी ज्वाइन की थी। जब कभी उससे बात होती थी, तो उसका कहना था कि देश के विख्यात लोगों के साथ काम करने का अवसर मिला है और देश के लिए कुछ बड़ा करके दिखाएंगे।

आठ दिन पहले एक स्कूल में दी थी स्पीच
शहर के एक निजी स्कूल में आदित्य ने पढ़ाई की थी और करीब आठ दिन पहले वहां मोटिवेशनल स्पीच और करियर गाइडेंशन विद्यार्थियों को दिया था। उन्होंने कहा था कि देश के लिए कुछ करने का जज्बा होना चाहिए, शिक्षकों का सम्मान करें और समय का सदुपयोग करने प्रेरित किया था। इस समय दोस्तों से मुलाकात भी की थी।