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धरना के बाद ब्रिज के गड्ढों को भरने की हुई रस्म अदायगी, कुछ दिन बाद फिर होगी परेशानी

एक साल भी नहीं हुआ ब्रिज चालू हुए और वाहन निकालने में भी हो रही परेशानी, पांच साल की गारंटी में है ब्रिज

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After the protest, the ceremony of filling the potholes of the bridge was performed.

गड्ढों में भरा गया मटेरियल

बीना. झांसी रेलवे गेट पर बनाए गए ओवरब्रिज का निर्माण रेलवे और पीडब्ल्यूडी ब्रिज विभाग ने किया है। दोनों ही हिस्सों में बड़े-बड़े गड्ढों में वाहन चालक गिरकर चोटिल हो रहे थे, जिसके विरोध में शनिवार को नानक वार्ड पार्षद बीडी रजक ने धरना, प्रदर्शन किया था। जिसपर तहसीलदार ने गड्ढों को भरवाने का आश्वासन दिया था।
रविवार की दोपहर में गड्ढा भरने के लिए कुछ कर्मचारी पहुंचे और रस्म अदायगी कर चले गए। जबकि गड्ढों को भरकर डामरीकरण होना था, लेकिन सिर्फ गिट्टी और चचड़ी से भर दिए गए हैं, जो कुछ दिनों में ही भारी वाहनों के निकलने से फिर जस के तस हो जाएंगे। यदि बारिश हुई, तो एक दिन में ही यह गड्ढे हो जाएंगे। इसके अलावा रेलवे क्षेत्र में डाली गई कंक्रीट में गड्ढे हो गए हैं, जो भरे नहीं गए हैं। यह ब्रिज पांच वर्ष की गारंटी में और फिर भी मरम्मत नहीं की जाती है। ब्रिज की हालत देखकर लोगों का कहना है कि एक साल में यह स्थिति है, तो आने वाले कुछ सालों में ही ब्रिज पर आवागमन बंद करने की नौबत आ जाएगी। यदि शुरुआत में ही गुणवत्ता पर ध्यान दिया गया होता, तो यह स्थिति नहीं होती।

लोड जांचे बिना ही खोल दिया ब्रिज
जानकारों के अनुसार नियमानुसार ओवरब्रिज शुरू करने के पहले लोड की जांच होती है कि कितने टन वजन ब्रिज सह सकता है। खुरई रोड पर बने ब्रिज का लोड जांचने के बाद ही उसे शुरू किया गया था, लेकिन इस ब्रिज पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। पिछले वर्ष सितंबर माह में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर ठेकेदार ने लीपापोती कर ब्रिज चालू कर दिया था, जिसका खामियाजा अब लोग भुगत रहे हैं।