क्षेत्र में उड़द की बोवनी 7 हजार 315 हेक्टेयर और सोयाबीन की 41 हजार 660 हेक्टेयर में बोवनी हुई है। उड़द की फसल कई जगह खेतों में कटी पड़ी है और कुछ किसान कटाई के लिए बारिश रुकने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन तीन दिन से लगातार हो रही बारिश ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है। यदि बारिश नहीं रुकी, तो फलियों में अंकुरण होने लगेगा। वहीं, साठ दिन में आने वाले सोयाबीन की फसल भी पकने लगी है और कुछ दिनों की धूप लगने पर फसल की कटाई शुरू हो जाएगी। अभी तक क्षेत्र में 1687 एमएम (67 इंच) बारिश दर्ज हो चुकी है, जो औसत बारिश से 487 एमएम ज्यादा है। सोमवार से हर दिन तेज बारिश हो रही है। बुधवार को सुबह से ही बारिश हो रही थी, जो दिनभर रुक-रुक जारी रही।
खेतों में भरा पानी बारिश से खेतों में पानी भरा होने से फसल गलकर खराब होने लगी है। साथ खेत इतने गीले होने से किसान हार्वेस्टर भी नहीं चलवा पा रहे हैं और मजदूरों से कटाई करानी पड़ेगी, जिसमें समय ज्यादा लगता है। उड़द की फसल किसानोंं ने 350 रुपए दिन मजदूरी देकर कटवाई है, साथ ही पूर्व में भी लागत लग चुकी है।
रबी सीजन में होगा लाभ इस वर्ष अभी तक हो रही जोरदार बारिश से रबी सीजन में इसका लाभ किसानों को मिलेगा। बोवनी के पूर्व किसानों को सिंचाई नहीं करनी पड़ेगी, जिससे खर्च और समय बचेगा। क्योंकि पहली सिंचाई में ही किसानों के लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं। साथ ही जिन किसानों के पास सिंचाई के साधन नहीं हैं वह भी बोवनी कर पाएंगे।