
फाइल फोटो
बीना. बीना से भोपाल होकर खंडवा तक जल्द ही 150 से 160 किमी रफ्तार से ट्रेनें दौड़ेंगी। इसके लिए बीना से खंडवा तक ट्रैक पर ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल प्रणाणी ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए ऐसी तकनीक है, जिसमें ट्रेनें कम फासले पर एक के पीछे-एक चलती रहती हैं और जल्द ही अपनी दूरी तय कर लेती हैं। अभी एलएचबी कोच से चलने वाली जो मेल व एक्सप्रेस ट्रेनें 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ रही हैं, वह इस प्रणाली के काम करने के बाद 150 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ सकेंगी और यात्री कम समय में अपने स्टेशन तक पहुंच सकेंगे। वर्तमान में यह व्यवस्था है कि जब तक एक ट्रेन आगे का एक स्टेशन पार नहीं कर जाती है, तब तक पीछे की टे्रन को रवाना नहीं किया जाता है, लेकिन ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली में जैसे ही आगे ट्रेन जाएगी, तो पीछे की ट्रेन के लिए वह चलने के लिए सिग्नल देगी, जिससे ट्रेनों का समय बचेगा और यात्री समय से गंतव्य के लिए पहुंच जाएंगे।
2025 में हो जाएगा काम पूरा
नई दिल्ली-चैन्नई रेलमार्ग जंक्शन से होकर गुजरता है। इस मार्ग पर बीना से खंडवा के बीच पश्चिम मध्य रेलवे ने ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल प्रणाली के तहत काम कर रही है, जिसके बाद सिग्नल लगाने की प्रक्रिया चल रही है। अभी यह प्रणाली कुछ रेलमार्गों पर सीमित रेलखंडों में ही काम कर रही है। 2025 के अंत में सभी रेलमार्गों पर यह प्रणाली काम करने लगेंगी। ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल प्रणाली में जैसे-जैसे ट्रेनें आगे बढ़ती हैं, तो सिग्नल पीछे की ट्रेन के ड्राइवर को देते हैं।
इस तरह होगी समय की बचत
अभी जिन ट्रेनों की स्पीड 130 किलोमीटर प्रतिघंटा बताई जाती है, वह वास्तव में उस गति से नहीं चल पाती है। अभी अधिकांश टे्रनें भोपाल से बीना तक 2 घंटे में पहुंचती है, जिनकी एवरेज स्पीड 70 से 80 किलोमीटर प्रतिघंटा रहती है। जब ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल का काम पूरा हो जाएगा, तो यही टे्रनें 1 घंटा 40 मिनट में बीना से भोपाल का सफर तय करेंगी। इस प्रकार बीना से खंडवा तक करीब 45 मिनट की बचत होगी।
Published on:
16 Nov 2024 11:59 am
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