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बीना से धौलपुर तक सभी स्टेशनों पर की जा रही ऑटोमेटिक सिग्नलिंग

दुर्घटनाओं को रोकने में होगी सहूलियत

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Automatic signaling is being done at all stations from Bina to Dholpur.

बीना-धौलपुर रेलवे ट्रैक

बीना. ट्रेनों को दुर्घटनाओं से बचाने के लिए रेलवे बीना से धौलपुर तक सभी स्टेशनों पर एमएसडीएसी सिस्टम लगा रही है, जिससे ट्रेनों के पहिए की संख्या काउंट करके दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा। अभी दैलवारा रेलवे स्टेशन पर यह एमएसडीएसी सिस्टम लगाया जा चुका है।
रेलवे ट्रेनों की सुरक्षा के लिए तमाम सुरक्षा तंत्र विकसित किए जा रहे हैं, जिसके तहत अब रेलवे में ऑटोमेटिक सिग्नलिंग की जा रही है। यह काम रेलवे ने शुरू कर दिया है। इसके तहत कुछ दिन पहले ललितपुर सेक्शन में दैलवारा रेलवे स्टेशन पर ऑटोमेटिक सिग्नलिंग के तहत दोहरी पहचान के लिए मौजूदा रेलवे ट्रैक के समानांतर एमएसडीएसी सिस्टम लगा भी दिया गया है, यह सिस्टम पूरे सेक्शन में लगाया जा रहा है।
ऑटोमेटिक सिग्नलिंग प्रणाली के साथ ही एमएसडीएसी यानि मल्टी सेक्शन डिजिटल एक्सल काउंटर सिस्टम बीना से झांसी और झांसी से धौलपुर रेलवे स्टेशन तक लगाया जा रहा है। एमएसडीएसी मशीन जो रेलवे ट्रैक के समानांतर लगाई जा रही है, वह ट्रेनों के दोनों ओर के एक्सल यानि पहियों को गिनती है। कई बार चलती मालगाड़ी का डिब्बा कपलिंग टूटने से अलग हो जाता है, लेकिन इस प्रणाली की स्थापना होने से एक्सल की संख्या कम होने पर तत्काल इसकी जानकारी लग जाएगी और ट्रेन को रोक लिया जाएगा, जिससे बड़ी दुर्घटना होने से बच जाएगी। रेलवे यह एमएसडीएसी सिस्टम जीरोन और जाखलौन में भी लगाया जा रहा है। इसके बाद अन्य स्टेशनों पर भी जल्द यह सिस्टम लगाया जाएगा। बीना से धौलपुर तक वर्ष 2026 तक ऑटोमेटिक सिग्नलिंग के तहत एमएसडीएसी सिस्टम लगाए जाने का लक्ष्य है, इसके लिए रेलवे ने तेजी से काम शुरू कर दिया गया है।

बढ़ेगी सुरक्षा व दक्षता
यह कार्य अप दिशा कॉमन लूप, डाउन दिशा लूप, बैलेंस्ट साइडिंग रेल ट्रैक पर किया जा है। इस प्रणाली की स्थापना से ट्रेन परिचालन की सुरक्षा और दक्षता में बढ़त होगी। यह तकनीक सटीक ट्रेन पहचान सुनिश्चित करती है और रेल परिचालन में संभावित त्रुटियों को कम करती है। झांसी-बीना सेक्शन में इस तकनीक के सफल क्रियान्वयन से ट्रैक की निगरानी और रखरखाव में भी सुधार होगा।


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सागर

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