
फाइल फोटो
बीना. दो दिन पहले रेलवे स्टेशन पर बम की अफवाह से जहां पूरे रेलवे महकमे में हड़कंप मच गया था। वहीं, जिन अधिकारियों पर इस स्थिति से निपटने की जिम्मेदारी थी वह अधिकारी निर्णय लेने में सक्षम नहीं थे। यही कारण रहा कि सूचना मिलने के करीब दो घंटे बाद तक रेलवे अधिकारी टे्रन को खाली नहीं करा सके, बल्कि बम निरोधक दस्ता आने का इंतजार करते रहे। यदि ट्रेन में बम होता तो सैकड़ों यात्रियों की जान जा सकती थी।
दरअसल मंगलवार को रेलवे अधिकारियों को सूचना मिली थी कि कामायनी एक्सप्रेस में बम है। इसके बाद आरपीएफ मौके पर पहुंची, लेकिन जब तक सिटी पुलिस मौके पर नहीं पहुंच गई तब तक आरपीएफ, जीआरपी के अधिकारी कोई भी निर्णय नहीं ले सके। जबकि बम जैसी सूचना पर उन्हें टे्रन के आते ही सबसे पहले यात्रियों को टे्रन से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर भेजा जाना था, क्योंकि मैसेज सही है या गलत इसकी पुष्टि तब हो पाती जब ट्रेन की जांच हो जाती। इस दौरान आरपीएफ की बड़ी लापरवाही सामने आई, जो 11.30 बजे स्टेशन पहुंचने वाली ट्रेन को दोपहर 1.30 बजे खाली करा सके। इसके बाद दोपहर दो बजे बम निरोधक दस्ता पहुंचा था। यदि ट्रेन में बम होता तो इतनी देर में पूरा रेलवे स्टेशन उड़ जाता।
प्लेटफॉर्म की जगह यार्ड में खड़ी की जानी थी ट्रेन
बम की सूचना के बाद टे्रन को यार्ड में खड़ा किया जाना था, जबकि यह टे्रन प्लेटफॉर्म नंबर एक पर ली गई थी, इसमें भी अधिकारियों ने टे्रन को प्लेटफॉर्म पर खड़ा करने का गलत निर्णय लिया था। जबकि बम होने की जानकारी लगते ही इसे स्टेशन पर यात्रियों को उतारकर आउट साइट में खड़ा किया जाना था। क्योंकि स्टेशन के अन्य प्लेटफॉर्म पर भी ट्रेन आ रहीं थीं, घटना होती तो बड़ी संख्या में लोग इसकी चपेट में आ जाते।
Published on:
21 Feb 2025 11:56 am
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