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सहकारी समितियां बीज लेने में नहीं दिखा रहीं रुचि, किसान परेशान

बाजार से खरीद रहे हैं बीज

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Cooperative societies not showing interest in taking seeds

Cooperative societies not showing interest in taking seeds

बीना. सरकारी बीज सहकारी समितियों में आता है और यह बीज किसानों को अनुदान पर मिलता है, लेकिन समितियां बीज लेने में रुचि नहीं ले रही हैं। जबकि बीज के लिए डिमांड भेजी जा चुकी हैं, सरकारी बीज न आने के कारण किसानों को बाजार से महंगे दामों पर बीज खरीदना पड़ रहा है।
रबी सीजन की बोवनी शुरू हो चुकी है और मौसम के अनुसार किसानों ने चना, मसूर, अलसी की बोवनी शुरू कर दी है। रबी सीजन में बोवनी का रकबा करीब 54 हजार हेक्टेयर में होनी है, जिसमें चना और गेहूं का रकबा ज्यादा होता है। बोवनी भी शुरू हो चुकी है, जिससे किसानों को बीज की जरुरत है और किसान महंगे दामों पर बाजार से बीज खरीदने मजबूर हैं। बाजार में चने का बीज करीब 4500 रुपए क्विंटल और मसूर 3800 रुपए क्विंटल मिल रहा है। यह बीज भी प्रमाणित नहीं है और कई बार अफलन जैसी स्थिति भी फसल में बन जाती है ।
लेट आता है समितियों में बीज
समितियों में खरीफ, रबी सीजन का बीज हर वर्षदेरी से आता है, जिससे समितियां बीज लेने से इनकार कर देती हैं। यदि समय पर बीज आए तो समितियों से किसान बीज खरीदेंगे । लेट बीज आने के कारण किसानों और समिति संचालकों को घाटा होता है ।
खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध
मिली जानकारी के अनुसार डबल लॉक गोदाम में खाद पर्याप्त मात्रा में रखा हुआ है और जरुरत के हिसाब से किसान खाद उठा रहे हैं। डबल लॉक में पर्याप्त खाद होने के बाद भी किसान बाजार से खाद खरीद रहे हैं और बाजार में कई टन खाद बिक भी चुका है।
हो गई है बोवनी शुरू
जिन किसानों के पास सिंचाई के साधन नहीं हैं उन्होंने बोवनी शुरू कर दी है। जिनके पास सिंचाईके साधन हैं वह बोवनी पलेवा के बाद करेंगे।
एके परिहार, आरएईओ, बीना