
Corona did not have soil test for two years
बीना. कृषि विभाग द्वारा हर वर्ष रबी सीजन की फसल कटने के बाद मिट्टी के सैम्पल लेकर उसका परीक्षण किया जाता है, लेकिन कोरोना के चलते दो वर्षों से सैम्पल नहीं लिए गए हैं। कुछ दिनों में बारिश शुरू हो जाएगी, जिससे फिर परीक्षण होना संभव नहीं है।
मिट्टी में किस पदार्थ की मात्रा अधिक और किसकी कमी है इसकी जानकारी के लिए खेतों की मिट्टी के सैम्पल लेकर उसका लैब में परीक्षण कराया जाता है। इसके बाद जिस पदार्थ की कमी होती उसको पर्याप्त मात्रा में डालने की सलाह किसान को दी जाती है, लेकिन कोरोना के चलते दो वर्षों से सैम्पल नहीं लिए गए हैं और अब कुछ दिनों बाद बारिश शुरू हो जाएगी, जिससे फिर सैम्पल नहीं हो पाएंगे। कोरोना कफ्र्यू के चलते कृषि से संबधित कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। फील्ड पर होने वाले काम नहीं हो रहे हैं। मिट्टी परीक्षण लैब भी बंद है और मशीनें धूल खा रही हैं।
मनमर्जी से डाल रहे खाद
बिना मिट्टी परीक्षण के ही किसान फसलों में खाद डाल रहे हैं, जिससे मिट्टी खराब हो रही है। यदि जरूरत के हिसाब से खाद डाला जाए तो उससे मिट्टी की सेहत पर असर नहीं पड़ेगा। जरूरत से ज्यादा खाद, दवाएं डालने से कीटों का प्रकोप भी बढ़ रहा है।
हर वर्ष आता है लक्ष्य
जानकारी के अनुसार कृषि विभाग को हर वर्ष इसका लक्ष्य दिया जाता है, जिसमें 600 से 1000 तक सैम्पल लिए जाते हैं और कुछ किसान स्वयं सैम्पल लेकर आते हैं, लेकिन दो वर्षों से इसका लक्ष्य ही नहीं आया है।
लक्ष्य न आने से नहीं मिला बजट
कोरोना के कारण दो वर्षों से लक्ष्य नहीं आ रहा है और लक्ष्य न आने के कारण बजट भी नहीं मिलता है। यदि खरीफ फसल तैयार होने के बाद लक्ष्य आएगा तो सैम्पल लेकर जांच की जाएगी।
एमएस नरवरिया, एसएडीओ, कृषि विभाग, बीना
Published on:
22 May 2021 09:51 pm
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