
मप्र में संत रविदास मंदिर के निर्माण को लेकर विवाद सामने आया है। यह विवादा प्रस्तावित निर्माण स्थल को लेकर किया जा रहा है। दरअसल सागर जिले में ऐतिहासिक आश्रम से करीब 18 किमी दूर स्थित संत रविदास मंदिर के निर्माण पर अनुसूचित जाति समुदाय और दलित संतों द्वारा सवाल उठाए जाने से विवाद खड़ा हो गया है। पूरे राज्य में इन दिनों सामाजिक समरसता यात्राएं चलाई जा रही हैं। ये यात्राएं 12 अगस्त को सागर जिले के बड़तूमा गांव में खत्म होंगी। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संत रविदास मंदिर की नींव रखेंगे।
जानें क्या है दलितों की मांग
संत समुदाय और अनुसूचित जाति समुदाय के वर्ग ने मांग की है कि मंदिर का निर्माण आगर जिले के कर्रापुर गांव में आश्रम के पास, यानी प्रस्तावित स्थल से 18 किलोमीटर दूर किया जाना चाहिए। गुरु रविदास आश्रम के कार्यवाहक गुरु पंचमदास का कहना है कि 'गुरु रविदास ऐतिहासिक रूप से कर्रापुर से जुड़े हैं, न कि बड़तुमा गांव से। बड़तुमा गांव जहां पीएम मोदी रविदास मंदिर की नींव रखेंगे। उनका कहना है कि लगभग 600 साल पहले संत रविदास अपने आध्यात्मिक दौरे पर कर्रापुर गांव के आश्रम स्थल पर आए थे और यहां तक कि रविदास कुंड भी आश्रम में ही है, जहां उन्होंने सामाजिक सद्भाव का संदेश दिया था।'
गुरु पंचमदास ने बताया कि इस आश्रम के प्रति लोगों की आस्था के कारण सागर में मंदिर का प्रस्ताव राज्य सरकार के मन में आया है। अब गुरु रविदास आश्रम कर्रापुर, अहिरवार महापंचायत और गुरु रविदास महासभा के प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। स्थानीय भाजपा विधायक ने भी स्वीकार किया कि आस्था का स्थान कर्रापुर में है लेकिन जगह की कमी के कारण मंदिर को नए स्थान पर स्थानांतरित कर बनाया जाएगा।
सागर जिले के नरयावली से बीजेपी विधायक प्रदीप लारिया का कहना है कि इस मुद्दे पर उन्होंने संत समाज और अन्य लोगों से बात की है। उन्होंने कर्रापुर गांव में मंदिर बनाने के बारे में सोचा लेकिन, आवश्यक भूमि 12 से 14 एकड़ थी जो वहां उपलब्ध नहीं थी। बाद में मंदिर के लिए बड़तुमा स्थान को चुना गया। पहले भी कर्रापुर संत रविदास आश्रम की मदद की थी और भविष्य में भी आवश्यकतानुसार मदद करेंगे। वहीं सागर कलेक्टर दीपक आर्य का कहना है कि इस संदर्भ का ज्ञापन सौंपा गया था। उन सभी इस मुद्दे पर बातचीत और चर्चा की जा रही है। उम्मीद कर रहे हैं कि हम इसका समाधान निकाल लेंगे और वे नई जगह पर सहमत हो जाएंगे। आपको बताते चलें कि प्रदेश में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। बुंदेलखंड में अनुसूचित जाति के मतदाताओं को लुभाने के लिए संत रविदास मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, जिनकी आबादी 22 प्रतिशत है। ये आठ से अधिक विधानसभाओं में निर्णायक की भूमिका निभाते हैं।
Updated on:
03 Aug 2023 01:21 pm
Published on:
03 Aug 2023 01:14 pm
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