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अस्पताल की बड़ी लापरवाही : बंद फ्रीजर में रख दिया शव, 3 दिन बाद भर्ती मरीजों का होने लगा ये हाल

सिविल अस्पताल प्रबंधन ने इस बार लापरवाही का तमाम हदों को पार कर दिया है। जानिए पूरा मामला...।

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अस्पताल की बड़ी लापरवाही : बंद फ्रीजर में रख दिया शव, 3 दिन बाद भर्ती मरीजों का होने लगा ये हाल

मध्य प्रदेश के सागर जिले का सिविल अस्पताल आए दिन स्वास्थ सेवाओं में अनियमित्ताएं और काम में लापरवाही को लेकर हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है। इसी कड़ी में अपने नए कारनामें के चलते एक बार फिर जिले का सिविल अस्पताल चर्चा का विषय बन गए हैं। बता दें कि, सिविल अस्पताल प्रबंधन ने इस बार लापरवाही का तमाम हदों को पार कर दिया है। अस्पताल की लापरवाही से न सिर्फ शव में कीड़े पड़ गए और वो बुरी तरह सड़ भी गया, बल्कि अस्पताल में पहले से ही भर्ती कई मरीजों की और हालत बिगड़ गई। कुछ मरीजों को तो बदबू से उल्टी की समस्या भी हुई है। देखते ही देखते अस्पताल में भर्ती मरीज बदबू से परेशान आकर मजबूरन वहां से निकलकर भाग खड़े हुए।

बताया जा रहा है कि, तीन दिन पहले बीना थाना पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए एक अज्ञात युवक का शव मर्चुरी रूम मे रखवाया था। लापरवाह कर्मचारियों ने शव को करीब 15 दिनों से खराब पड़े फ्रीजर में ही रख दिया और जब पोस्टमार्टम के लिए शव को फ्रीजर से निकाला तो मौके पर मौजूद कर्मचारियों सहित अस्पताल में मौजूद मरीज बदबू से भागते नजर आए। वहीं, पोस्टमार्टम की निगरानी के लिए खाना क्षेत्र से आए पुलिस जवान भी मौके से भाग खड़े हुए, क्योंकि शव पूरी तरह से सड़ चुका था और उसपर जगह जगह कीड़े तक पड़ने लगे थे। हालांकि, कुछ देर बाद इसी हाल में पोस्टमार्टम कराना पड़ा।

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बड़ा सवाल ?

नगरपालिका कर्मचारी जो शव को दफनाने लेने आए वह भी भाग गए। जिसके बाद पुलिस के समझाइश के बाद कर्मचारी शव को लेकर दफनाया गया। अस्पताल में मौजूद मरीजों का भी बदबू से बैठना दुश्वार हो गया। मामले को लेकर बीएमओ डॉ संजीव अग्रवाल का कहना है कि ,उन्हें फ्रीजर खराब होने की जानकारी कर्मचारियों ने नहीं दी। वहीं, थाना प्रभारी कमल निगवाल का कहना है कि मर्चुरी रूम की जवाबदारी अस्पताल प्रबंधन की है। अस्पताल प्रबंधन को ध्यान रखना चाहिए था। अब सवाल यह है कि, इंसान शव की इस दुर्दशा का जिम्मेदार कौन है और उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है ?