शरबती गेहूं का बाजार मूल्य कम मिलने से धीरे-धीरे किसानों का रुझान हो रहा कम
कार्यशाला में ब्रांडिंग मार्केटिंग व ट्रेडिंग पर हुई चर्चा, बड़ी संख्या शामिल हुए किसान


कार्यक्रम में उपस्थित किसान
बीना/खुरई. खुरई के शरबती गेहूं की ब्रांडिंग मार्केटिंग व ट्रेडिंग संबंधी कार्यशाला का आयोजन उप संचालक कृषि राजेश त्रिपाठी के मार्गदर्शन में नगर पालिका के ऑडिटोरियम में संपन्न हुई, जिसमें खुरई, बीना और मालथौन के शरबती गेहूं उगाने वाले करीब 500 किसान शामिल हुए।
कार्यक्रम में हिमवासिनि फॉर्मर प्रोड्यूसर कंपनी जो किसानों की संस्था है और इसके 700 किसान शेयर होल्डर हैं, उसने शरबती गेहूं के मंडी में मिलने वाले कम दाम के प्रति चिंता जताई। गुणवत्ता, स्वाद के लिए शरबती गेहूं देशभर में प्रसिद्ध है, लेकिन बाजार मूल्य कम मिलने से धीरे-धीरे किसानों का रुझान कम हो रहा है। किसानों को शरबती गेहूं को ब्रांड के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से तकनीकी सत्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र सागर के डॉ. देवेंद्र प्यासी ने 306 गेहूं की प्रजाति की आनुवांशिक शुद्धता और बीज उपलब्धता के विषय में जानकारी दी। आइटीसी लिमिटेड भोपाल राकेश मोहन रावत और राकेश मोटियानी सागर ने शरबती गेहूं के मार्केट और भविष्य विषय पर विस्तार से बताया। आइएसइडी हेड द्वारिका सिंह भोपाल ने बताया कि शरबती गेहूं का उचित मूल्य प्राप्त करने किसानों को संगठित होकर गुणवत्तापूर्ण गेहूं उत्पादन करना होगा। साथ ही प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करके मूल्य संवर्धन से ही अच्छे दाम किसानों को मिल सकेंगे। इस दौरान गूगल मीट के माध्यम से प्रियदर्शी सामल ने भुवनेश्वर उड़ीसा से जुड़कर मार्केटिंग विषय पर, संजय धीमन गुडग़ांव ने रिटेलिंग व इन्वेस्टिंग विषय पर और योगेश द्विवेदी भोपाल ने कृषक उत्पादक संगठन के सशक्तिकरण विषय पर किसानों को महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। नवाचारी व प्रगतिशील किसान भगवान सिंह ठाकुर ने क्षेत्र में शरबती गेहूं के इतिहास व गेहूं का अधिक से अधिक उत्पादन विषय पर अपने अनुभव सांझा किए। सहायक संचालक कृषि जयदत्त शर्मा ने खुरई क्षेत्र में शरबती गेहूं के प्रति किसानों के रुझान कम होने का कारण व लोकप्रियता को पुन: स्थापित करने के लिए किए जाने वाले उपायों पर चर्चा की। संचालन सेवानिवृत्त वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एसपी भारद्वाज ने की।
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