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पुष्कर मेला शामिल होने जा रहे हजारों लोग, एक मात्र ट्रेन होने से नहीं मिल रही पैर रखने जगह

भीड़ ज्यादा होने के कारण रिजर्वेशन कराने वालों को भी अपनी सीट तक पहुंचने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ी या फिर आरपीएफ का सहारा लेना पड़ा।

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Due to there being only one train, there is no space to set foot.

Due to there being only one train, there is no space to set foot.

बीना. पूर्णिमा पर पुष्कर में कार्तिक मेला लगता है, जिसमें शामिल होने के लिए शहर सहित पूरे जिले से लोग शामिल होने के लिए जाते हैं। मेला में जाने के लिए लोग कई दिनों पहले से रिजर्वेशन कराके रखते है, जिनका रिजर्वेशन नहीं होता है वह जनरल कोच से आस लगाए रहते हैं, लेकिन अभी दयोदय एक्सप्रेस ठसाठस भरी होने के कारण यात्री यात्रा करने से वंचित रह गए।
रोशन रजक ने बताया कि वह अपने पिता बाबूलाल रजक को ट्रेन में बैठाने के लिए मालखेड़ी स्टेशन गए थे। मंगलवार की रात दो बजे जबलपुर-अजमेर दयोदय एक्सप्रेस स्टेशन पहुंची, जो पहले से ठसाठस भरी थी। उसके पिता का रिजर्वेशन एस-5 कोच में था, लेकिन कोच की स्थिति जनरल कोच से भी ज्यादा खराब थी। कोच में चढऩे के लिए उन्हें आरपीएफ का सहारा लेना पड़, तब कहीं जाकर वह अपने सीट पर पहुंच सके। यात्रियों की भारी भीड़ होने के कारण टे्रन आगे नहीं चल सकी, जो करीब पंद्रह मिनट तक स्टेशन पर खड़ी रही। इस दौरान ट्रेन में चढऩे को लेकर यात्रियों का आपस में विवाद भी हो गया।

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एसी कोच में भी रही भीड़
सुकून से सफर करन के लिए लोग एसी कोच में रिजर्वेशन कराते हैं, लेकिन दयोदय एक्सप्रेस के एसी कोच में भी तय संख्या से ज्यादा लोग सवार थे। इस दौरान रेलवे स्टाफ भी उन्हें बाहर करने में असहाय दिखा। यात्रियों के आक्रोश को देखते हुए रेलवे स्टाफ उनसे नहीं उलझा।
डेढ़ सौ से ज्यादा यात्री निराश लौटे वापस
पुष्कर मेला में शामिल होने दयोदय एक्सप्रेस से अजमेर की यात्रा करने के लिए पहुंचे मुन्ना यादव ने बताया कि वह परिवार के साथ पुष्कर जाने के लिए आए थे, लेकिन ट्रेन में पैर रखने के लिए भी जगह नहीं थी। इस वजह से वह वापस लौट आए। जगह न मिलने से करीब डेढ़ सौ से ज्यादा यात्रियों को निराश वापस लौटना पड़ा।