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मौसम में आए बदलाव से बढ़ी किसानों की चिंता, जुटे फसल कटाई में

कृषि वैज्ञानिकों ने की सलाह, 19 मार्च के पहले कार्य करें पूरा, मप्र के ऊपर बना है उत्तर-पश्चमी चक्रवातीय पररसंचरण

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Farmers are worried due to change in weather, they are busy in harvesting crops

फसल की कटाई करते हुए किसान

बीना. मौसम में आए बदलाव के कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसान फसलों की कटाई कर थ्रेसिंग कराने में चौबीस घंटा जुटे हुए हैं। साथ ही गेहूं की फसल में हार्वेस्टर चलवा रहे हैं, जिससे फसल सुरक्षित घर लाई जा सके। कृषि वैज्ञानिकों ने भी जल्द से जल्द फसल की कटाई करने की सलाह दी है।
रविवार को सुबह से ही आसमान पर बादल छाए रहे और हल्की बूंदाबांदी भी हुई। मौसम में आए बदलाव के बाद अधिकतम तापमान 38 से खिसककर 34 डिसे पर आ गया है। यदि तेज बारिश हुई, तो फसलों को भारी नुकसान होगा। अभी अधिकांश किसानों की गेहूं की फसल तैयार खड़ी है, जो बारिश से आड़ी हो जाएगी और दाना खराब हो जाएगा। चना, मसूर की फसल की थे्रसिंग चल रही है।

मप्र पर बना है चक्रवातीय परसंचरण
उपसंचालक कृषि राजेश त्रिपाठी और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने कृषकों को सलाह दी है कि 19 मार्च से होने वाली वर्षा को देखते हुए तीन दिनों के भीतर काम पूरा कर लें और कटाई की गई फसलों को सुरक्षित संग्रहीत करें। यदि खेतों में खड़ी फसलों की कटाई शुरू नहीं हुई हैं, तो उसे एक सप्ताह के लिए रोक दें। मसूर, चना की थ्रेसिंग वाली उपज को अच्छी तरह सुखाकर रखें। क्योंकि एक चक्रवातीय पररसंचरण उत्तर-पश्चमी मप्र के ऊपर बना हुआ है, जिससे जिले में वर्षा या गरज चमक के साथ बौछार पड़ सकती हैं।