बीना. मूंग में कीटनाशक दवाओं का उपयोग करने की बात कहते हुए प्रदेश सरकार ने मूंग की खरीदी समर्थन मूल्य पर न करने कस निर्णय लिया है, जिसका विरोध किसान लगातार कर रहे हैं और मूंग खरीदी जल्द शुरू करने की मांग की जा रही है। शुक्रवार को भी किसानों ने तहसील में प्रदर्शन किया। साथ ही राज्यपाल के नाम नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। एसडीएम को ज्ञापन देने की मांग को लेकर किसान तहसील के गेट पर बैठ गए थे।
किसान मूंग लेकर तहसील पहुंचे थे और सभी ने मूंग खाकर बताया कि मूंग में कोई जहर नहीं है। ज्ञापन लेने आए नायब तहसीलदार से भी मूंग खाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मुंह में छाले होने की बात कहकर मना कर दिया। किसानों का कहना था कि मूंग जहरीली नहीं पौष्टिक होती है, जिसे खाने की सलाह बीमारी के समय डॉक्टर भी देते हैं। किसान नेता इंदर सिंह ने कहा कि सभी फसलों में कीटनाशक डाली जाती है और जहरीला सिर्फ मूंग को बताया जा रहा है। किसानों ने दिनरात मेहनत कर और लागत लगाकर बोवनी की है। इसके बाद जब फसल तैयार हुई, तो उन्हें दाम कम मिल रहे हैं। इसलिए मुख्यमंत्री को मूंग भेंट करने आए हैं, जिससे उन्हें पता चल सके की मूंग जहरीली नहीं है। किसानों का आरोप है कि हर चीज में मिलावट हो रही है, सब्जियों में कीटनाशक का उपयोग हो रहा है, लेकिन सिर्फ मूंग को जहरीली बताकर खरीदी न करना किसानों के साथ छलावा है। किसानों ने राज्यपाल के नाम सौंपे गए ज्ञापन में जल्द से जल्द समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी करने की मांग की है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े। प्रदर्शन करने वालों में ब्रजभान लोधी, लालाराम, मुलायम पाल, सुरेश कुमार, देवेन्द्र कुशवाहा, गजराज सिंह, नंदराम, बाबूलाल आदि शामिल हैं। खरीदी न होने पर किसानों ने दो दिन बाद उग्र प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
बोवनी के लिए है रुपयों की जरुरत
किसानों को खरीफ फसल की बोवनी के लिए रुपयों की जरुरत है और मूंग कम दामों पर बिकने से वह परेशान हैं। बीज, खाद महंगे दामों पर मिल रहा है। यदि समर्थन मूल्य पर मूंग बिके, तो किसानों को कर्ज नहीं लेना पड़ेगा।
Published on:
14 Jun 2025 11:47 am