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ओवरब्रिज के गड्ढा भरने के नाम पर हो रही रस्म अदायगी, जानलेवा साबित होगी लापरवाही

निर्माण के बाद पांच साल की रहती है गारंटी, अधिकारियों नहीं कर रहे कार्रवाई

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Filling the potholes on the overbridge is just a formality, negligence will prove fatal

ओवरब्रिज पहुंचा इस स्थिति में

बीना. झांसी गेट पर बनाया गया ओवरब्रिज के चालू होने के दो माह बाद ही जर्जर हो गया था और तभी से मरम्मत के नाम पर यहां रस्म अदायगी की जाती है। गड्ढों में सिर्फ चचड़ी भरी जाती है, जो कुछ वाहनों के निकलने के बाद ही निकल जाती है। सडक़ या ब्रिज निर्माण के बाद पांच साल की गारंटी रहती है और ठेकेदार को मरम्मत करनी होती है, लेकिन फिर भी अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
ओवरब्रिज करीब सात साल चले निर्माण के बाद सितंबर 23 में चालू हुआ था, जिससे लोगों को उम्मीद थी उन्हें परेशानी नहीं होगी, लेकिन दो माह बाद ही ब्रिज में जगह-जगह गड्ढे हो गए थे। ब्रिज अब धीरे-धीरे जर्जर होता जा रहा है। जगह-जगह जानलेवा गड्ढे बन गए हैं। धरना, प्रदर्शन होने के बाद ब्रिज के गड्ढों में चचड़ी भर दी जाती है, जो कुछ घंटों में ही जस का तस हो जाता है। ब्रिज के ऊपर रेलवे क्षेत्र में सीमेंट की लेयर खराब हो गई है और जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं। जहां आए दिन मोटर साइकिल सवार गिर रहे हैं और वाहनों में टूटफूट हो रही है। ब्रिज के दोनों तरफ डामर रोड वाले हिस्से में जगह-जगह जानलेवा गड्ढे बन गए हैं। यह गड्ढे कुछ दिन पूर्व चचड़ी से भर दिए थे, लेकिन यहां जरूरत पक्का काम करने की है।

गड्ढा बचाने के चक्कर में होते हैं हादसे
ब्रिज पर कुछ गड्ढे इतने बड़े हैं कि वाहन चालक उनसे बचकर निकलना चाहते हैं और ऐसे में कई बार आमने-सामने से वाहनों की भिड़ंत हो जाती है। यदि अचानक वाहन गड्ढे में गिरता है, तो अनियंत्रित हो जाता है, जिससे बाजू में वाहन टकराने का डर बना रहता है।

हर दिन निकल रहे जनप्रतिनिधि, अधिकारी
इस ब्रिज से हर दिन जनप्रतिनिधि और अधिकारी निकल रहे हैं। इसके बाद भी वह गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। इनकी गाड़ी भी हिचकोले लेकर निकलती हैं, लेकिन फिर भी उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।

अधिकारियों को दी है सूचना
यह ब्रिज पीडब्ल्यूडी सेतु विभाग ग्वालियर के अंतर्गत आता है और विभाग के इंजीनियर को सूचना देकर मरम्मत कराने के लिए कहा गया है। रेलवे अधिकारियों से भी इस संबंध में बात करेंगे।
विजय डेहरिया, एसडीएम, बीना