
फाइल फोटो
बीना. हर व्यक्ति को पक्की छत देने के लिए पीएम आवास योजना चलाई जा रही है और इसके लिए सरकार राशि देती है, लेकिन महंगाई के दौर में यह राशि पर्याप्त नहीं है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लिए भी राशि अलग-अलग दी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र के लिए राशि इतनी कम है कि एक कमरा और किचन भी नहीं बन पा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्र के लिए पीएम आवास योजना के तहत अलग-अलग किस्तों में 1 लाख 38 हजार रुपए मिलते हैं और इस राशि से करीब 280 वर्गफीट में दो कमरा या एक हाल व किचन बनानी पड़ती है। निर्धारित राशि से यह निर्माण होना संभव नहीं है और कई मकान अधूरे हैं या फिर हितग्राही ने किस्तों का उपयोग अन्य कार्यों में कर लिया है। सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को आती है, जिनके पास स्वयं की तरफ से लागत लगाने की व्यवस्था नहीं होती है। कम राशि के कारण स्थिति यह बनती है कि दीवारें खड़ी करने बाद छत नहीं हो पाती है। वहीं, शहरी क्षेत्र में ढाई लाख रुपए राशि मिलती है और 350 वर्गफीट में मकान बनाना होता है। शहर में भी इस राशि से मकान बनाना संभव नहीं है और स्वयं की राशि लगाकर मकान तैयार हो पाता है। लोगों की मांग है कि इस राशि में सरकार को वृद्धि करना चाहिए, जिससे गरीब लोग मकान बना सकें।
2016 के अपेक्षा अब निर्माण सामग्री के दाम छू रहे आसमान
2016 से पीएम आवास बनना शुरू हुए थे और उस समय के अनुसार राशि ठीक थी, लेकिन तब से अब तक दामों में वृद्धि हो चुकी है। इसके बाद भी आवास की राशि नहीं बढ़ाई गई है। वर्तमान में सीमेंट की बोरी 325 रुपए, सरिया 52 रुपए किलो, रेत 6 से 7 हजार रुपए ट्रॉली, गिट्टी 2500 रुपए ट्रॉली, ईंट 6000 रुपए ट्रॉली मिल रही है। सीमेंट को छोड़कर अन्य सामग्री के दाम अब लगभग दोगुने हो गए हैं।
335 आवास हैं अधूरे
ग्रामीण क्षेत्र में पिछली बार 6 हजार 600 आवासों का लक्ष्य आया था, जिसमें 335 आवास अधूरे है, इसमें ऐसे हितग्राही शामिल हैं, जो स्वयं की लागत नहीं लगा पा रहे हैं या फिर राशि अन्य कार्यों पर खर्च कर दी जाती है। अभी नया लक्ष्य 996 आवासों का आया है।
एक्सपर्ट व्यू
सामान्य मकान बनाने भी है राशि कम
ग्रामीण क्षेत्र में एक सामान्य मकान बनाने के लिए 700 से 800 रुपए वर्गफीट की लागत आती है, आवास बनाने जो राशि मिल रही है वह करीब 492 रुपए वर्गफीट के हिसाब है। राशि बढ़े तो आसानी से मकान बन जाएगा।
सचिन कटारे, सिविल इंजीनियर
नहीं बढ़ाई राशि
शासन ने पीएम आवास की राशि निर्धारित की है और जब राशि बढ़ेगी, तो हितग्राहियों को उसका लाभ दिया जाएगा।
राजेश पटैरिया, जनपद पंचायत सीइओ, बीना
Published on:
22 Sept 2024 12:37 pm
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