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समय पर अनुबंध होता तो बारिश पूर्व बन जाती नाली, काम भी नहीं हो पाया शुरू, भरेगा घरों में पानी

खुरई रोड पर दोनों तरफ होना है नाली का निर्माण, नपा की लेटलतीफी से इस बारिश में भी लोगों को परेशान होना पड़ेगा।

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Had the contract been signed on time, the drain would have been built before the rains

यहां बननी हैं दोनों तरफ नाली

बीना. खुरई रोड पर ओवरब्रिज निर्माण करने वाली कंपनी ने सर्वोदय चौराहे तरफ अपनी चिंहित सीमा तक नई नालियों का निर्माण पिछले वर्ष ही कर दिया था, लेकिन आगे पुरानी नालियां बनी हुई हैं, जिससे पानी निकासी नहीं होती है। क्योंकि यह नाली जाम है और घरों से ऊंची हो जाने से पानी भरता है। यहां नाली बनाने नपा ने टेंडर तो कर दिया है, लेकिन अनुबंध न होने से काम शुरू नहीं हो पाया है और अब यह कार्य बारिश बाद शुरू होने की संभावना है।
खुरई रोड पर वर्षों पूर्व सड़क निर्माण के दौरान नालियां बनाई गईं थीं और ब्रिज निर्माण कंपनी ने अपनी चिंहित जगह तक नई नाली का निर्माण कर पुरानी नालियों में जोड़ दिया है, जिससे पानी निकासी नहीं होती है। यहां स्थिति यह बनती है कि हल्की बारिश में ही पानी सड़क पर आ जाता है और घरों में भरता है। हर बार बारिश में रहवासी परेशान होते हैं। यहां दोनों ओर नालियां बनाने के लिए नगर पालिका ने टेंडर तो निकाल दिए, लेकिन अनुबंध न होने से यह कार्य आचार संहिता तक रुक गया है। 4 जून को आचार संहिता हटने के बाद आगे की कार्रवाई होगी और तब तक बारिश शुरू हो जाएगी, जिससे इस वर्ष नाली बनना संभव नहीं है। नाली न बनने से इस रोड के रहवासी फिर परेशान होंगे। रामशंकर लखेरा ने बताया कि हर बारिश में घरों में पानी भरता है, जिससे परेशानी होती है। नगर पालिका को इस कार्य को प्राथमिकता से कराते हुए बारिश पूर्व पूरा करना था, लेकिन अभी तक कार्य शुरू नहीं हुआ है।

सर्वोदय चौराहे तक भरता है पानी
पुरानी नाली जाम होने पर पानी सीधा सर्वोदय चौराहे पर पहुंचता है, क्योंकि वहां रोड नीची है और पानी निकासी की व्यवस्था भी नहीं है। पिछले वर्षों में भी यहां पानी का भराव हुआ है, जिससे बारिश के मौसम में सैकड़ों लोगों को परेशान होना पड़ा था।

दोनों तरफ बनना हैं नालियां
नगर पालिका उपयंत्री सत्यम देवलिया ने बताया कि दोनों तरफ नालियां बनाने के लिए टेंडर हो गया है, दोनों तरफ के लिए अलग-अलग टेंडर हुए हैं, लेकिन अनुबंध नहीं हो पाया है। आचार संहिता खत्म होने के बाद अनुबंध होगा। करीब 130 मीटर लंबी नालियां 18-18 लाख रुपए की लागत से बननी हैं।