
बहस के बाद कार्यकर्ताओं में बनी हाथापाई की स्थिति
बीना. शहर में कचरे का विवाद सीएमओ कक्ष के ताले तक पहुंचने के बाद सियासी सरगर्मी बन गया है। शुक्रवार को यह विवाद उस वक्त गरमा गया जब भाजपा समर्थित विधायक और नपा अध्यक्ष लता सकवार, पार्षदों के समर्थक एक-दूसरे के सामने आ गए। नारेबाजी से बढ़ते हुए बात हाथापाई तक पहुंच गई। धक्का-मुक्की के बीच पुलिस को आना पड़ा। इधर सीएमओ ने विरोध जताते हुए अपने साथ नपा कर्मचारियों को लेकर पैदल थाने पहुंच गए। इस दौरान एक कर्मचारी ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी से बात और बिगड़ गई। इस मामले में नपाध्यक्ष ने सीएमओ पर आरोप लगाते हुए कहा कि कई बार सफाई के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने सुना नहीं और कभी वार्डों में नहीं गए। लोग पार्षदों के घर कचरा फेंक रहे थे। सीएमओ को यहां से हटाया जाना चाहिए। उन्होंने सीएमओ के खिलाफ शिकायत भी की थी, लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं आई है।
भाजपा विरोधी नारे पर भड़क गए भाजपा नेता
पार्टी के खिलाफ नारेबाजी करने के बाद भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष राजेन्द्र उपाध्याय नगर पालिका पहुंचे और सीएमओ पर भडक़ गए। उनका कहना था कि उनकी सत्ता है और कर्मचारी पार्टी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। मामले में भाजपा से क्या लेनदेना था, नगर पालिका का मुद्दा था। भाजपा तेरह करोड़ सदस्यों की पार्टी की है। पूरे शहर में कचरा फैला है, तो इसका विरोध किया जा रहा है। सीएमओ ने कर्मचारियों पर दबाव बनाया है और उन्हें लेकर गए हैं।
माफी के बाद ताला कौन खोलेगा इसपर हुआ हंगामा
सीएमओ आरपी जगनेरिया ने पार्टी के खिलाफ नारेबाजी करने वाले वीडियो की जांच कराने की बात कही और कहा कि यदि कर्मचारी ने नारे लगाए हैं, तो वह माफी मांगते हैं। इसके बाद ताला कौन खोलेगा इस पर बहस शुरू हो गई। विधायक समर्थकों का कहना था कि विधायक ताला खोलेंगी, तो पार्षद और सहित कार्यकर्ता अध्यक्ष से ताला खुलवाने की मांग पर अड़ गए। देखते ही देखते फिर दोनों पक्ष में बहस हुई और नौबत हाथापाई की आ गई, जिसपर पुलिस ने बीच-बचाव किया। इसके बाद मंडल अध्यक्ष ने ताला खोला और फिर विधायक वहां से चली गईं।
विधायक सीएमओ कक्ष का ताला खुलवाने पहुंची, नपाध्यक्ष ने रोका
विधायक निर्मला सप्रे अपने समर्थकों के साथ पहुंची। उन्होंने सफाई व्यवस्था ठीक नहीं होने पर कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई की बात कहते हुए सीएमओ कक्ष का ताला खोलने को कहा। इस पर नपाध्यक्ष लता सकवार व पार्षद इसके लिए तैयार नहीं हुए। ताला खोलने से रोकते हुए कहा कि पहले सीएमओ को हटाया जाए। इसी बीच विधायक समर्थक एक पार्षद पर चिल्ला पड़े। इससे मामला तूल पकड़ गया। अध्यक्ष व पार्षद अपने समर्थक भाजपा के पक्ष में नारे लगाने लगे, दूसरी तरफ विधायक के पक्ष में उनके समर्थक नारेबाजी करने लगे। आवाज ऊंची करते हुए दोनों पक्ष एक-दूसरे से धक्की-मुक्की करने लगे। एसडीओपी व थाना प्रभारी ने मामला शांत कराया।
कुछ लोगों के आपसी मतभेद रहते हैं: सप्रे
विधायक निर्मला सप्रे ने बताया कि सामंजस्य बनाने के लिए नगर पालिका गए थे और ताला खुलवाया। पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है, कुछ लोगों के आपसी मतभेद रहते हैं। सभी ने पार्टी के पक्ष में नारेबाजी की थी। सभी जनप्रतिनिधि अपना-अपना कार्य कर रहे हैं।
जनता के लिए जेल जाने तैयार : नपाध्यक्ष
नगर पालिका अध्यक्ष ने कहा कि शहर में फैली गंदगी से सीएमओ को चौबीस घंटे में व्यवस्था सुधारने कहा था और फिर ताला डाला था। यदि कुछ गलत किया है, तो जेल जाने को भी तैयार हैं।
अध्यक्ष ने नहीं किया रैमकी का भुगतान : सीएमओ
सीएमओ ने कहा कि अध्यक्ष द्वारा रैमकी कंपनी का भुगतान न होने से काम काम बंद कराया था और परिषद की अनुमति से एवी इंफ्रा कंपनी को काम दिया था। 16 जुलाई को धमकाया गया। इसके बाद 17 जुलाई को अध्यक्ष, पार्षद और पार्षद पतियों ने ताला डाला था। शासकीय काम में बाधा डाली गई है, जिसकी कार्रवाई की है।
ऐसे चला घटनाक्रम
सुबह 11.52 बजे-सीएमओ नगर पालिका पहुंचे और कर्मचारियों को एकत्रित किया।
दोपहर 12.08 बजे- सीएमओ कर्मचारियों के साथ पैदल थाने के लिए निकले और थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा।
दोपहर 01.05 बजे- सीएमओ कर्मचारियों के साथ वापस नगर पलिका पहुंचे और सभी हॉल में बैठे रहे।
दोपहर 01.24 बजे- तहसीलदार अंबर पंथी पहुंचे और गेट का ताला खोलने कहा, लेकिन अध्यक्ष ने मना कर दिया।
दोपहर 01.39 बजे- विधायक पहुंची और फिर हंगामा चलता रहा।
दोपहर 02.05 बजे- सीएमओ कक्ष का ताला खोला गया।
Published on:
19 Jul 2025 11:54 am
बड़ी खबरें
View Allसागर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
