
मानवता शर्मसार : कड़ाके की ठंड में पुलिया के नीचे नवजात को फैंका, आशा कार्यकर्ता ने बचाई मासूम की जान
सागर/ मध्य प्रदेश के सागर जिले के बंडा ब्लॉक में मगरधा के पास पुलिया के नीचे बुधवार सुबह तड़के कड़ाके की ठंड में एक नवजात शिशु नीले शॉल में लिपटा हुआ पड़ा मिला। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर नजदीक से गुजर रहे राहगीरों नें नवजात के संबंध में आशा कार्यकर्ता कृति जैन को सूचना दी। इसके बाद मासूम को निजी वाहन की मदद से तुरंत स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया गया, जहां नवजात बच्चे का इलाज जारी है।
कड़ाके की ठंड में मौत से लड़कर मां को ढूंढ रहा था शायद
कड़ाके की ठंड में अपनों ने जिस मासूम को दुलार देने के बजाय मरने के लिए फेंक दिया था, उसकी धड़कनें शायद अपनी मां को पुकार रही थीं। जाने कितनी देर से वो उस पुलिया के नीचे कड़ाके की ठंड में जिंदगी के लिए जद्दोजहद कर रहा था। आशा कार्यकर्ता कृति जैन को ही मामले की जानकारी सुबह 4 बजे लगी थी। उन्होंने बताया कि, उन्हें उनके पति के फोन पर जानकारी मिली कि, इलाके की पुलिसा के नीचे नवजात बच्चे के रोने की आवाजे आ रही हैं। इसके बाद वो तुरंत ही मौके पर पहुंच गईं।
निजी वाहन से पहुंचाया अस्पताल
आशा कार्यकर्ता कृति जैन ने बताया कि, जानकारी लगते ही हम तुरंत मगरधा व सेमरा गांव के बीच पड़ने वाली पुलिया पर पहुंचे, तो एक नवजात शिशु जिसका जन्म कुछ ही घंटों पहले हुआ होगा, पड़ा मिला। एक नीले कलर के शॉल में लिपटा रो रहा था। नवजात को उपचार के लिए भेजने को तुरंत 108 को फोन किया गया, लेकिन समय पर 108 न आने के कारण बच्चे की हालात देखते हुए उसे निजी वाहन की मदद से बंडा अस्पताल ले जाया गया।
बच्चा पूरी तरह स्वस्थ्य
स्वास्थ केन्द्र में बच्चे का उपचार बीएमओ डॉ. कुरैशी की देखरेख में किया जा रहा है। डॉ. कुरैशी के मुताबिक, बच्चा पूरी तरह स्वस्थ्य है। जिसकी देखभाल की जा रही है। सुबह चार बजे के समय सर्दी अधिक होने से बच्चा ठंड का शिकार हुआ है, वहीं गंदगी में पड़े होने की वजह से शरीर पर धूल भी लगी मिली थी, जिसे अच्छी तरह साफ कर दिया गया है। फिलहाल, बहरोल पुलिस को मामले की सूचना मिलते ही जांच शुरु कर दी है। बहरोल पुलिस का कहना है कि, सबसे पहले नवजात की मां की तलाश की जा रही है।
Updated on:
02 Dec 2020 05:09 pm
Published on:
02 Dec 2020 04:43 pm
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