scriptआज भी रुला देती हैं 36 साल पहले हुई भोपाल गैस त्रासदी की ये तस्वीरें, दर्द- जिसकी अब तक दवा नहीं | Even today pictures make 36 year old Bhopal gas tragedy pain | Patrika News

आज भी रुला देती हैं 36 साल पहले हुई भोपाल गैस त्रासदी की ये तस्वीरें, दर्द- जिसकी अब तक दवा नहीं

locationभोपालPublished: Dec 01, 2020 03:14:37 pm

Submitted by:

Faiz

हर साल 3 दिसंबर आते ही भोपाल गैस त्रासदी की यादें ताजा हो जाती हैं। ये अब तक के वैश्विक औद्योगिक इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटना है।

news

आज भी रुला देती हैं 36 साल पहले हुई भोपाल गैस त्रासदी की ये तस्वीरें, दर्द- जिसकी अब तक दवा नहीं

भोपाल/ हर साल 3 दिसंबर आते ही भोपाल गैस त्रासदी की यादें ताजा हो जाती हैं। ये अब तक के वैश्विक औद्योगिक इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटना है। 2 और 3 दिसंबर 1984 की वो दरमियानी सर्द आधी रात, जिसमें शहर के बीचों बीच बनी कीटनाशक बनाने वाली यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से निकली जहरीली गैस ने एक साथ हजारों लोगों को मौत की नींद सुलादिया था। सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो, उस रात 5 हजार लोगों ने अपनी जान गवाई थी। हालांकि, मौत के आंकड़े को लेकर अलग अलग जांच एजेंसियों के अपने अपने आंकड़े हैं। कुछ एजेंसियों ने तो उस हादसे में 15 हजार से ज्यादा लोगों की मौत का दावा किया था।

 

5 लाख लोग हुए थे प्रभावित

news

यूनियन कार्बाइड कंपनी से मिथाइल आइसो साइनाइट गैस लीक हुई थी। भोपाल गैस त्रासदी में करीब 5 लाख लोग प्रभावित हुए थे। स्थानीय लोग आज भी बताते हैं कि 1 घंटे के अंदर ही हजारों लोगों की मौत हो गई थी। रात को सोए लोग अगले दिन की सुबह नहीं देख पाए। चारों तरफ सिर्फ चीख-पुकार मची हुई थी।


आज भी है असर

news

भोपाल गैस त्रासदी को इस बार 36 साल बीत चुके हैं। हर साल घटना की वर्षी पर लोगों की यादें ताजा हो जाती हैं। जानकारों की मानें तो यूवियय कार्बाइड के नजदीकी इलाकों की हवा-पानी में आज भी जहरीली गैस का असर है। उस समय कई स्वास्थ एजेंसियों ने तो यहां तक दावा किया था कि, गैस पीड़ित की तीसरी पीढ़ी तक इस जहरीली गैस का असर रहेगा। यही कारण है कि, यही कारण है कि शहर में कैंसर, किडनी की समस्या, बल्ड प्रेशर और बच्चों में मानसिक विकलांगता के मामले यहां अधिकतर देखे जा रहे हैं।

 

अब भी संघर्ष कर रहे हैं गैस पीड़ित, लेकिन…

news

भोपाल गैस त्रासदी की चपेट में आए लोगों का दर्द आज जौं का त्यों ही है, इसे कम करने का प्रयास अब तक किसी भी जिम्मेदार ने नहीं किया है। पीड़ितों को आज तक उनके हक का सही मुआवजा नहीं मिला है और न ही पूर्ण इलाज की कोई व्यवस्था की गई है। हालांकि, कई संगठन ऐसे भी हैं जो पीड़ितों को उचित मुआवजा दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जबकि, इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से अलग से गैस राहत विभाग का भी गठन किया गया है, जिसका कार्य ही गैस पीड़ितों को समय समय पर उचित सहायता देने और स्वास्थ व्यवस्था प्रदान करना है। गैसे पीड़ितों के इलाज के लिए शहर के तीन बड़े सरकारी अस्पतालों में गैस पीड़ितों के उपचार की वयवस्था भी है, बावजूद इसके पीड़ितों के उपचार में अब भी खानापूर्ति मात्र ही की जाती है।


कैसे हुआ था हादसा

news

जानकारी के अनुसार, इस फैक्ट्री से 40 टन गैस का रिसाव हुआ था। बताया जाता है कि फैक्ट्री के टैंक नंबर 610 में जहरीली गैस मिथाइल आइसो साइनाइट में पानी मिल गया था। इसके बाद रासायनिक प्रक्रिया हुई और टैंक पर दबाव बना। प्रेशर की वजह से टैंक खुल गया और गैस लीक हो गई।


सबसे ज्यादा इस तस्वीर ने रुलाया

News

भोपाल गैस त्रासदी की यह तस्वीर सबसे डरावनी है। यह तस्वीर गैस त्रासदी की भयावहता को बयां करती है, जिसे देख लोगों की रुह आज भी कांप जाती है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो